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Bangladesh में छाया भीषण जल संकट, भारत से भीख मांग रहा Yunus सरकार का यह मंत्री

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : August 16, 2024, 7:36 pm IST
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Bangladesh में छाया भीषण जल संकट, भारत से भीख मांग रहा Yunus सरकार का यह मंत्री

India-Bangladesh Teesta water Treaty

India News (इंडिया न्यूज), India-Bangladesh Teesta water Treaty: बांग्लादेश में सियासी उठक-पठक और हिंसक प्रदर्शन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत आ गई थीं। इससे पहले चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद हसीना ने भारतीय दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते हुए कई अहम समझौते किए। तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे पर भी चर्चा हुई। ऐसा लग रहा था कि लंबे समय से चला आ रहा यह विवाद सुलझ जाएगा। लेकिन, इसी बीच बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव आ गया। वहीं अब अंतरिम सरकार ने तीस्ता जल बंटवारे समझौते को लेकर भारत पर दबाव बढ़ाया। उनकी स्पष्ट मांग है कि हमें तीस्ता जल का उचित हिस्सा चाहिए।

तीस्ता नदी के पानी में उचित हिस्सेदारी की मांग

बता दें कि, बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने चीन, अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन समेत कई देशों के राजनयिकों से मुलाकात की। भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ भी बैठक हुई। इस बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में तौहीद ने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ बैठक में तीस्ता नदी के पानी में उचित हिस्सेदारी की मांग की गई। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि पानी कम है। एक देश के लिए जितना पानी चाहिए, उससे भी कम। लेकिन पानी तो है। अगर 100 क्यूसेक पानी भी है, तो क्या आप हमें 30 क्यूसेक नहीं दे सकते? हमने उनसे (भारतीय पक्ष से) यही कहा है।

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दरअसल, यह विवाद लंबे समय से चल रहा है। 1983 में बांग्लादेश और भारत के बीच मंत्रिस्तरीय बैठक में यह तय हुआ था कि बांग्लादेश को तीस्ता नदी का 36 फीसदी पानी मिलेगा और भारत को 39 फीसदी। बाकी 25 फीसदी पानी नदियों में जमा किया जाएगा।

जल बंटवारे पर विवाद जारी

दरअसल, वर्ष 2007 में बांग्लादेश ने तीस्ता जल का 80 प्रतिशत दोनों देशों के बीच बराबर-बराबर बांटने तथा शेष 20 प्रतिशत नदी के लिए आरक्षित रखने का प्रस्ताव रखा था, जिसे भारत ने स्वीकार नहीं किया। वहीं वर्ष 2011 में यह प्रस्ताव रखा गया कि दिसंबर से मार्च तक भारत को 42.5 प्रतिशत तथा बांग्लादेश को 37.5 प्रतिशत जल मिलेगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे उत्तर बंगाल के लोगों को गंभीर नुकसान होगा। हाल ही में भारत की यात्रा के बाद हसीना ने बताया कि तीस्ता नदी संरक्षण परियोजना के लिए भारत से तकनीशियनों का एक दल बांग्लादेश जाएगा। भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रो ने कहा कि चर्चा तीस्ता जल वितरण से अधिक जल प्रवाह प्रबंधन पर केंद्रित थी।

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