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इंडिया न्यूज़: (jaishankar visits Mozambique) विदेश मंत्री एस जयशंकर 2010 के बाद से मोजाम्बिक का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री बन गए है। विदेश मंत्री गुरुवार को ईस्ट अफ्रीकी देश मोजाम्बीक की राजधानी मापुटो में पहुंचे। विदेश मंत्री इस दौरान मेड इन इंडिया ट्रेन में सफर किया। उनके साथ मोजाम्बीक के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर माटेउस मागला और रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस के मालिक राहुल मित्तल भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि भारत मोजाम्बिक के साथ अपने रिश्ते को नई ऊंचाई देने के लिए तैयार है। विदेश मंत्री ने कहा कि विकास के लिए नई दिल्ली की नीतियों में अपने साथी का हित प्राथमिकता रहती है। उन्होंने मोजाम्बीक में रहने वाले भारतीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले सात सालों में दोनों देशों के संबंधों में काफी बदलाव आया है।
बुजी ब्रिज का वर्चुअली किया उद्घाटन
अपने इस दौरे के दौरान विदेश मंत्री ने मोजाम्बीक में भारत के द्वारा निर्मित बुजी ब्रिज का वर्चुअली उद्घाटन भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा- ये द्विपक्षीय एकजुटता और दोस्ती का सबसे बड़ा उदाहरण है। ये पुल 670 मीटर लंबा है जो बुजी नदी पर बना हुआ है। ये 132 किलोमीटर लंबी टिका-बुजी-नोवा-सोफाला रोड परियोजना का हिस्सा है। साल 2018 से इस परियोजना पर काम जारी है। इसकी लागत 118 मिलियन अमेरिकी डॉलर, यानी करीब 962 करोड़ रुपए है। बता दे इसे एक्जिम-बैंक ऑफ इंडिया फाइनेंस कर रहा है।
ट्विटर पर साझा किया अपना अनुभव
विदेश मंत्री ने ट्विटर पर अपना अनुभव साझा किया उन्होने लिखा मेड इन इंडिया ट्रेन में मापुटो से माचवा तक की यात्रा शानदार रही। मैंने मोजाम्बीक के परिवहन और संचार मंत्री के साथ ग्रीन ट्रांसपोर्ट पर बात की। ट्रेन नेटवर्क, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और जलमार्ग कनेक्टिविटी के विस्तार के बारे में बातचीत हुई। भारत इस संबंध में एक विश्वसनीय भागीदार है।
एस्पेरांका बियास की भारत यात्रा को किया याद
ट्रेन से यात्रा के दौरान जयशंकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने पिछले साल मोजाम्बीक विधानसभा के अध्यक्ष एस्पेरांका बियास की भारत यात्रा को याद किया। उन्होंने कहा- तब दोनों देशों के नेताओं के बीच राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी थी। उन्होंने मुझसे द्विपक्षीय साझेदारी को बढ़ाने के लिए कहा था। मैं अगले 2 दिन यही करने वाला हूं। विदेश मंत्री ने कहा कि इस यात्रा की बहुत अच्छी शुरुआत हुई है और मुझे यकीन है कि अगले कुछ दिनों में कई और महत्वपूर्ण बातचीत होगी।
हम दोनों एक दूसरे के लिए कर सकते हैं काफी काम
जयशंकर ने कहा कि हमारे बीच एक ऐतिहासिक संबंध है। यह संबंध आज से नहीं, बल्कि उस समय से है, जब मोजाम्बिक अपनी आजादी के लिए लड़ रहा था। दशकों से हमारे नेता, हमारे लोग और हमारे समाज एक-दूसरे से गहराई से बंधे हुए हैं। आज दोनों देश विकास राह पर हैं, इसलिए हम दोनों एक दूसरे के लिए काफी काम कर सकते हैं। विकासशील देशों की जिम्मेदारी होती है कि वह यह सुनिश्चित कर सके दूसरे देश उसके अनुभवों को समझ सके।
आतंकी गतिविधियों का सामना करने में मोजाम्बिक का करेगे सहयोग
जयशंकर ने कहा कि अगर मोजाम्बिक को आतंकी गतिविधियों का सामना करना पड़ रहा है तो इसी चुनौती का सामना करने वाले देश के तौर पर यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम आपकी मदद करें। उन्होंने पीएम के युगांडा दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि हम अपने सहयोगियों के हितों को प्राथमिकता देते हैं, हम आपसे पूछेंगे कि क्या आप हमें अपने हित और प्राथमिकताएं बता सकते हैं। जयशंकर ने कहा कि अगर हमारे पास ऐसा कुछ है, जो मूल्यवान है, तो मदद करने के लिए हमेशा तैयार हैं। इससे अफ्रीका में भारत के बढ़ते प्रभाव को मोजाम्बिक में स्पष्ट देखा जा सकता है।
एक-दूसरे के साथ खड़े रहना भारत के जी-20 का है हिस्सा
एस जयशंकर ने जी-20 को लेकर कहा कि विकास के अनुभवों को साझा करने और संकट में एक-दूसरे के साथ खड़े रहने के मकसद भारत के जी-20 का हिस्सा है। दुनिया इस समय एक मुश्किल दौर से गुजर रही है, इसलिए जी-20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 का पहला अध्यक्ष है, जिसने 125 अन्य देशों से सलाह किया। जयशंकर ने कहा कि भारत शुरू से बहुत स्वतंत्र विचारों वाला देश रहा है।
भारत के लिए मोजाम्बिक के साथ संबंध बहुत महत्वपूर्ण
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत कोई भी काम सिर्फ अपने लिए नहीं करता। हम जागरूक हैं, हम जानते हैं कि हमारा विकास एक-दूसरे पर निर्भर करता है। इसलिए भारत के लिए मोजाम्बिक के साथ संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं। मोजाम्बिक का भारत के लिए अधिक महत्व है।
मोजाम्बिक के साथ हर साल हम चार अरब डॉलर का कारोबार
पीएम मोदी का संदेश है, इसलिए मैं आज यहां हूं कि बता सकूं कि मोजाम्बिक के साथ हम रिश्तों को एक नए स्तर पर लेकर जा सकते हैं। मोजाम्बिक के साथ हर साल हम चार अरब डॉलर का कारोबार करते हैं, भारतीय कंपनियों ने 11 अरब डॉलर का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि अब हमारा काम यह है कि इस रिश्ते को कैसे गहरा किया जाए।
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