India News (इंडिया न्यूज), UNSC: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन को फटकार लगाई है। भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति की कार्यप्रणाली पर चिंता जताई है। पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों पर प्रतिबंध रोकने के लिए वीटो का इस्तेमाल करने को लेकर चीन पर निशाना साधा है। भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि, ‘विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त आतंकवादियों पर साक्ष्य-आधारित प्रतिबंध की मांग की गई है। लेकिन उनके ख़िलाफ़ प्रतिबंध के प्रस्ताव को बिना कोई कारण बताए रोक दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि, इसलिए आतंकवाद से निपटने के लिए परिषद की प्रतिबद्धता में दोहरेपन की बू आती है।
बीते सोमवार को उन्होंने आतंकवाद पर सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति की पारदर्शिता पर भी चिंता जताते हुए कहा कि, हमें यह पता चल जाता है कि समिति ने किन आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन लिस्टिंग अनुरोधों को अस्वीकार करने के निर्णयों को सार्वजनिक नहीं किया जाता है। बता दें चीन हमेशा वीटो के जरिए पाकिस्तानी आतंकियों पर लगाए गए प्रतिबंधों को रोकता है। इस पर भारत ने भी सवाल उठाए थे।
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आतंकवादियों को बचाने के लिए चीन लगाता है अड़ंगा
बता दें कि, जब भी पाकिस्तानी आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल करने का मुद्दा उठता है, चीन बार-बार अड़ंगा लगाता रहता है। हाल ही में चीन का आतंकियों के प्रति प्रेम देखने को मिला। सबसे हालिया कार्रवाई पिछले साल 2009 में 26/11 मुंबई हमले में शामिल एक आतंकवादी को बचाने की थी। तब चीन ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित होने से रोक दिया था। इससे पहले भी चीन भारत पर हमला करने वाले आतंकियों को बचाता रहा है।
सुरक्षा परिषद में सुधार की उठी मांग
भारत की तरफ से पारदर्शिता का आह्वान किया गया है जिसमे उन्होंने अपने अनूठे तरीके से काम करने के लिए समितियों की आलोचना की है। इसके अलावा उन्होंने सुरक्षा परिषद में सुधार की भी वकालत की। जिसमे उन्होंने कहा कि, ‘आज एक ऐसी सुरक्षा परिषद की जरूरत है जो समकालीन वास्तविकताओं, बहुध्रुवीय दुनिया की भौगोलिक विविधता को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करे। जिसमें अधिकांश विकासशील देशों, लैटिन अमेरिका और एशिया जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों की आवाजें भी शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि, सुधारों के लिए हम अब अंतर-सरकारी बातचीत के पर्दे के पीछे नहीं छिप सकते।
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