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India News (इंडिया न्यूज़), Citizenship Amendment Act: सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA के कार्यान्वयन पर अमेरिका के “बारीकी से निगरानी करेगा” वाली टिप्पणी को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी विदेश विभाग के बयान को गलत सूचना और अनुचित कहा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आज यानी 15 मार्च के दोपहर को कहा, “सीएए नागरिकता देने के बारे में है, नागरिकता छीनने के बारे में नहीं।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, नागरिकता संशोधन अधिनियम एक आंतरिक मामला है, और भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए है। सीएए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से संबंधित उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश किया है।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “जहां तक सीएए के कार्यान्वयन पर अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का संबंध है, हमारा मानना है कि यह गलत, गलत जानकारी वाला और अनुचित है।”
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इससे पहले आज अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से पूछा गया कि क्या सीएए भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है। मिलर ने कहा “हम चिंतित हैं। हम इस कानून की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं (और) कि इसे कैसे लागू किया जाएगा। मिलर ने कहा, धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं।
केंद्र ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू किया, जिससे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए पात्र प्रवासियों के लिए नागरिकता के लिए आवेदन की योग्यता अवधि 11 से घटाकर 5 वर्ष कर दी गई।
सरकार ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि सीएए उनकी नागरिकता को प्रभावित नहीं करेगा और इसका उस समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है जिसे अपने हिंदू समकक्षों के समान अधिकार प्राप्त हैं।
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