संबंधित खबरें
ऐसा क्या जानते थे पुतिन के जनरल जिसकी वजह से चली गई जान ? अब सामने आई एक-एक डिटेल, जान कांप जाएगी रुह
विनाश काले विपरीत बुद्धि…अब सीधा PM Modi से पंगा ले बैठे Yunus, विजय दिवस पर की ऐसी करतूत, सुनकर खौल जाएगा हर भारतीय का खून
हैवानों की सेना से खौफ खा रहे रूसी सैनिक? सीरिया छोड़कर अब इस देश में जमा रहे कब्जा, सुनकर कांप उठेंगे इस्लामिक देश
भारत के खिलाफ टेरर साजिश,ड्रग्स सिंडीकेट,एक्सटॉर्शन और विदेशों से इलीगल आर्म्स के जरिए बब्बर खालसा इंटरनेशनल खालिस्तानी आतंकी संगठन खुद को कर रहे हैं मजबूत। NIA के चार्जशीट से खुलासा
दुनिया से छुपते हुए भारत ने कोरियाई प्रायद्वीप पर कर दिया बड़ा खेला, चीन और पाकिस्तान को नहीं लगी जरा सी भी भनक
सुपरपावर अमेरिका की बढ़ी मुश्किलें, इजरायल को मदद करना पढ़ा महंगा! फ़िलिस्तीनी परिवारों ने उठाया बड़ा कदम
India News (इंडिया न्यूज),India Canada Relation:खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा के बयान पर भारत ने एक और सख्त कदम उठाया है। 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया गया है। कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर, उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, सचिव मैरी कैथरीन जोली, सचिव लैन रॉस डेविड ट्राइट्स, सचिव एडम जेम्स चूइपका और सचिव पाउला ओरजुएला को 19 अक्टूबर रात 11:59 बजे या उससे पहले भारत छोड़ने को कहा गया है।कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों पर बेबुनियाद आरोप लगाए थे। खालिस्तानी प्रभाव में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इसके बाद भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज करते हुए अपने राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया।
6 कनाडाई राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश देने से पहले भारत ने सोमवार को राजदूत स्टीवर्ट व्हीलर को तलब किया था। भारत ने सख्त लहजे में कहा कि कनाडा में बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। कनाडा सरकार ने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे में डाला। भारत को कनाडा सरकार पर भरोसा नहीं है कि वह उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी।इस मामले में विदेशी मामलों के विशेषज्ञ रोबिन्द्र सचदेव कहते हैं, कनाडा को यह समझना चाहिए कि भारत की तरफ से कार्रवाई होगी। दोनों देशों के बीच संबंध फिलहाल ठंडे बस्ते में हैं। वहां राजनयिकों को रखने का कोई मतलब नहीं है। कनाडा में हमारे राजनयिकों की जान और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
सचदेव कहते हैं कि कनाडा ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी, उसके दो कारण हैं। पहला- कनाडा में ट्रूडो सरकार की वोट बैंक की राजनीति है। ट्रूडो सरकार को भारतीय मूल के लोगों, खासकर खालिस्तान के समर्थकों की मदद की जरूरत है। दूसरा- वह चीनी शतरंज का खेल खेल रहा है। कनाडा में चीन के हस्तक्षेप के कारण वे बदनाम हैं।उन्होंने कहा, ऐसी खबरें हैं कि ट्रूडो की पार्टी के करीब 9 सांसद चीन के समर्थन से चुने गए हैं। चीन चाहता था कि ट्रूडो जीतें। इसलिए अब वे भारत पर ध्यान केंद्रित करके उस बदनामी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। कनाडा सरकार अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अभूतपूर्व कदम उठा रही है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.