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लेबनान और इजरायल युद्ध से पूरी दुनिया परेशान, ब्लू लाइन पर डटी भारतीय सेना, क्या इसका मकसद?

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : September 23, 2024, 4:22 pm IST

Indian Army: भारतीय सैनिकों को क्षेत्र में अन्य संयुक्त राष्ट्र मिशनों की सुरक्षा करने और शांति अभियानों के लिए किसी भी खतरे को रोकने का भी काम सौंपा गया है

India News (इंडिया न्यूज), Indian Army and Hezbollah: इजरायल और हमास के बीच युद्ध के एक साल से उपर हो गया है, लेकिन अभी तक दोनों में युद्ध रुकने की कोई आशंका नहीं दिख रही है। युद्ध को रोकने के लिए कई देश इसके लिए आगे आ रहे हैं, भारत की भूमिका अहम है। हाल ही में लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट ने हिजबुल्लाह और इजरायल को युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है। इस तनाव के बीच भारतीय सेना शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही है। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत भारतीय सेना अशांत इजरायल-लेबनान सीमा पर अपनी मजबूत मौजूदगी बनाए हुए है। वर्तमान में ब्लू लाइन पर 600 भारतीय सैनिक तैनात हैं, जो लेबनान से इजरायल के हटने के बाद 2000 में स्थापित की गई सीमा थी। यह बल लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) का हिस्सा है, जो युद्ध क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए समर्पित है।

हिजबुल्लाह और इजरायल के युद्ध में भारत का हस्तक्षेप

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह और इजरायल ने हाल के दिनों में एक-दूसरे के ठिकानों पर रॉकेट और ड्रोन से हमला भी किया है। दोनों तरफ से हमलों और धमकियों के बीच भारतीय सेना की भूमिका हस्तक्षेप करना नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र के निर्देशों के तहत शांति और सुरक्षा बनाए रखना है। करीब 120 किलोमीटर लंबी ब्लू लाइन इजरायल और लेबनान के बीच बफर जोन के रूप में काम करती है, जहां भारतीय सेना समेत केवल संयुक्त राष्ट्र की सेनाएं ही तैनात हैं।

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सैन्य संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत भारत कर रहा काम

बता दें कि, यूनिफिल के तहत भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य शांति बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना है कि क्षेत्र में संघर्ष या हिंसा की घटनाएं न बढ़ें। भारतीय सैनिकों को क्षेत्र में अन्य संयुक्त राष्ट्र मिशनों की सुरक्षा करने और शांति अभियानों के लिए किसी भी खतरे को रोकने का भी काम सौंपा गया है। भारतीय सेना की भूमिका इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि यह इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच किसी भी प्रत्यक्ष सैन्य अभियान में शामिल नहीं है। इसके बजाय, वे संयुक्त राष्ट्र के आदेश का पालन करके अस्थिर सीमा पर स्थिरता बनाए रखने की कोशिश करते हैं।

क्या है ब्लू लाइन जिसकी रखवाली कर रहा भारत

ब्लू लाइन पर शांति सेना दो मुख्य क्षेत्रों में विभाजित हैं। ये पूर्व और पश्चिम क्षेत्र हैं। प्रत्येक क्षेत्र में ब्रिगेड स्तर की ताकत होती है, जिसमें 3 से 4 बटालियन और प्रति बटालियन 600 से अधिक सैनिक होते हैं। भारतीय सेना की बटालियन इस संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो यूनिफिल के तहत चल रहे शांति प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देती है। इस क्षेत्र में भारतीय सेना की उपस्थिति वैश्विक शांति और स्थिरता के प्रति उसकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

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