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India News (इंडिया न्यूज), PM Modi Kuwait Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (21 दिसंबर, 2024) को कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे। हम आपको बता दें कि, पीएम मोदी, 43 वर्षों में कुवैत की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिनका खाड़ी देश के वरिष्ठ अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। अपनी यात्रा से पहले, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और कुवैत पश्चिम एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता में साझा हित रखते हैं। उन्होंने कहा, “हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से पोषित है। हम न केवल मजबूत व्यापार और ऊर्जा साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि में भी हमारे साझा हित हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी कुवैत की अपनी यात्रा के दौरान कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी, क्योंकि कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है। दोनों देशों के बीच 10.5 अरब डॉलर का व्यापार होता है। कुवैत भारत को कच्चे तेल का छठा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता और एलपीजी का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है… कुवैत भारत की तीन प्रतिशत ऊर्जा की आपूर्ति करता है।
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भारत और मध्य पूर्व के देश ऊर्जा और गैस समेत कई तरह के कारोबार पर निर्भर हैं। अरब देश कई वजहों से भारत को महत्व देते हैं। यही वजह है कि अगर हम कुवैत के इस दौरे को शामिल करें तो यह चौदहवीं बार होगा जब पीएम मोदी किसी अरब देश का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वे कतर और सऊदी अरब की दो बार…ओमान और बहरीन की एक बार…जबकि वे संयुक्त अरब अमीरात की सात बार यात्रा कर चुके हैं। मध्य पूर्व के देशों में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं।
एक आंकड़े के मुताबिक कुवैत में भारतीयों की संख्या करीब दस लाख है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में भारतीयों की संख्या पैंतीस लाख और छब्बीस लाख है। ये भारतीय बड़ी संख्या में देश को भारी मात्रा में धन भेजते हैं। इसके अलावा भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए अरब देशों पर निर्भर है। इसे देखते हुए भारत ने अरब देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कोशिश की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत का दौरा किया था, जबकि कुवैत के प्रधानमंत्री ने 2013 में भारत का दौरा किया था। हालांकि, इस बीच भारत की ओर से उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 2009 में कुवैत का दौरा किया था। भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं। और कोरोना काल में भी दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े रहे और एक-दूसरे की मदद की। भारत ने कुवैत में मेडिकल टीम भेजी, जबकि कुवैत ने भारत को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की।
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