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Inflation in Britain
इंडिया न्यूज, लंदन:
महंगाई ने सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की जनता बेहाल है। ब्रिटेन में महंगाई अपने चरम पर है और लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। ब्रिटेन में महंगाई का मुख्य कारण वैश्विक आपूर्ति शृंखला में आई बाधाओं, श्रमिकों की कमी और ईंधन की बढ़ती कीमतें हैं।
सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च के सर्वेक्षण में सामने आया है कि इस साल के अंत तक ब्रिटेन में चार लोगों के परिवार पर 1800 पाउंड यानि कि लगभग 1.80 लाख रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। ब्रिटेन में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि देखने को मिल रही है। एक अनुमान के मुताबिक डेढ़ करोड़ से अधिक परिवारों को सालाना 140 पाउंड (लगभग 14 हजार रुपये) अतिरिक्त बिजली का बिल चुकाना पड़ रहा है। वहीं, पेट्रोल का दाम सितंबर 2013 के बाद के उच्चतम स्तर यानी 136.10 पाउंड प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
बता दें कि इससे पहले भी बैंक आफ इंग्लैंड ने आशंका जताई थी कि 2021 के अंत तक ब्रिटेन में महंगाई दर चार फीसदी के करीब पहुंच जाएगी। वहीं, सुपरमार्केट शृंखलाओं ने खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कम से कम पांच प्रतिशत का इजाफा होने का अंदेशा जाहिर किया है।
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