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India News(इंडिया न्यूज), Israel-Hamas War: 7 अक्टूबर को हमास के द्वारा इजरायल पर हमले के बाद इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। हमले में हजारों लेगों की जान जा चुकी है। अब खबर सामने आ रहा है कि हमास का प्रतिनिधिमंडल 26 अक्टूबर को रूस पहुंचा था। जहां ईरान के मंत्री भी प्रतिनिधिमंडल के साथ थे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष दूत मिखाइल बोगदानोव और विदेश मामलों के उपमंत्री इस मीटिंग में मौजूद रहे थे।
इजरायल ने इस मीटिंग का विरोध किया था। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम रूसी सरकार से हमास आतंकवादियों को तुरंत बाहर निकालने का आह्वान करते हैं।
अब इस मामले पर रूस की भी प्रतिक्रिया सामने आ गई है। रूस ने कहा कि इजरायल-फिलिस्तीनी जंग में सभी पक्षों के साथ संपर्क बनाए रखना जरूरी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने रूस के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी, लेकिन क्रेमलिन के साथ उनका कोई संपर्क नहीं है। साथ ही हमास प्रतिनिधिमंडल को न्योता भेजने के फैसले का बचाव भी किया।
रूस में हमास की बैठक के बाद ईरानी विदेश मंत्री ने कहा था कि हमास युद्ध के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने और उन्हें ईरान को सौंपने के लिए तैयार है। वहीं, हमास के प्रतिनिधिमंडल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रुख की भी सराहना की और रूसी कूटनीति की सक्रिय भूमिका को स्वीकार किया।
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमास के वरिष्ठ अधिकारियों के हाथ 1400 से अधिक इजरायलियों के खून से रंगे हुए हैं, जिनकी हत्या कर दी गई। और उन्हें जला दिया गया। साथ ही कहा कि हमास शिशुओं, बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित 220 से अधिक इजरायलियों के अपहरण के लिए जिम्मेदार है।
इज़राइल हमास के वरिष्ठ अधिकारियों को मास्को में आमंत्रित करने को फैसलों को अनुचित मानता है। जो आतंकवाद को समर्थन देने वाला है और हमास आतंकवादियों के अत्याचारों को लीगल मानता है। उन्होंने कहा कि हम रूसी सरकार से हमास आतंकवादियों को तुरंत बाहर निकालने का आह्वान करते हैं।
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