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India News (इंडिया न्यूज), Israel Hamas War : गाजा में पिछले साल से हमास और इजरायल के बीच संघर्ष चल रहा है। इस संघर्ष में अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं। इजरायल के हमलों के कारण गाजा लगभग तबाही के कगार पर पहुंच गया है। कहा जाता है कि युद्ध दोनों पक्षों के लिए बुरा होता है। हम गाजा में हो रही तबाही को पहले ही देख रहे हैं। लेकिन इस युद्ध का इजरायली सेना पर मानसिक प्रभाव भी पड़ रहा है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार इजरायली सैनिक कई तरह की मानसिक बीमारियों से ग्रसित हैं। इसके अलावा कुछ सैनिकों के आत्महत्या करने की भी खबरें आई हैं। लेकिन इस संबंध में इजरायल की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया है। युद्ध में लड़ रहे सैनिकों का मानसिक स्तर बनाए रखना सेना और सरकार के लिए चुनौती है। इजरायली सैनिक लगातार युद्ध लड़ रहे हैं। इसके कारण सैनिकों में तनाव बढ़ा है, जिसके कारण इजरायली सेना ऐसे सैनिकों को इलाज के लिए वापस कैंप में भेजने का दावा कर रही है। वहीं परेशान सैनिकों के परिजनों का कहना है कि सेना पूरी मदद नहीं कर रही है।
इस साल जनवरी में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि इजरायली सेना के 1600 सैनिक PTSD (पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) से पीड़ित हैं। इनमें से 76 फीसदी सैनिक मानसिक स्वास्थ्य उपचार के बाद ड्यूटी पर गए थे। इससे साफ है कि युद्ध में लगातार लड़ाई से सैनिकों के मनोबल के साथ-साथ मानसिक स्तर पर भी दिक्कतें आती हैं। कई सैनिकों की नींद हराम हो गई है। कई सैनिक अपने परिवार के पास वापस लौट जाने के बावजूद अकेलेपन में जी रहे हैं।
जैकन नाम के एक इजरायली सैनिक ने बताया कि उसे आतंकियों पर बुलडोजर चलाने का आदेश मिला था। चाहे वे जिंदा हों या मुर्दा। उसने बताया कि आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सेना कार्रवाई करती है। विरोध में आतंकी हमला करते हैं और सेना उन्हें काबू करने का काम करती है। ऐसे में आगे बढ़ने के आदेश होते हैं। जैकन एक बख्तरबंद वाहन का ड्राइवर था। ऐसे मौकों पर उसे हमास के लड़ाकों पर वाहन चढ़ाना पड़ा। कई लड़ाकों को कुचलना पड़ा। जैकन ने बताया कि वह इसलिए परेशान था क्योंकि उसने युद्ध में इतना खून और मांस देखा था। ऐसी घटनाओं के बाद उन्होंने मांस खाना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब आप अपनी आंखों से सड़क पर इतना मांस और खून देखते हैं, तो इसका सीधा असर आपके दिमाग पर पड़ता है। आप सोचने पर मजबूर हो जाते हैं।
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