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India News (इंडिया न्यूज), Israel-Palestine Conflict: इजरायली सेना के द्वारा गाजा (हमास) पर लगातर हमले किए जा रहे हैं। जिसके बाद अब वहां के लोगों के लिए एक और जानलेवा, साथ ही खामोश दुश्मन को जन्म दिया है। गाजा के लोगों के इस नए दुश्मन का नाम है एस्बेस्टस। इजराइली बमबारी से घरों के नष्ट होने की वजह से गाजा के लोग हवा में मौजूद कणों के संपर्क में आ रहे हैं।
इस एस्बेस्टस को सांस के जरिए अंदर लेने से कैंसर हो सकता है। एस्बेस्टस एक ऐसा खनिज है जो जब तक बिना किसी बाधा के रहता है, तब तक इंसानों के लिए बहुत कम खतरा पैदा करता है। लेकिन जब यह फैलकर वायुमंडल में चला जाता है, तो यह अत्यधिक कैंसरकारी होता है। दरअसल,गाजा की अधिकांश इमारतों में एस्बेस्टस मौजूद है।
अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक वर्ष में इजराइली बमों की वजह से बहुत बड़ी मात्रा में एस्बेस्टस छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटकर हवा में मौजूद कणों में मिल गए। जो इसे सांस के जरिए अंदर लेने वालों में कैंसर का कारण बन सकता है। जिसकी वजह से विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कई दशकों तक गाजा में फेफड़ों के कैंसर के मामले सामने आने की संभावना है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा में बमबारी से नष्ट हुए मलबे से लगभग 800,000 टन एस्बेस्टस हवा को प्रदूषित कर रहा है। प्रमुख एस्बेस्टस विशेषज्ञ रोजर विली ने अल जजीरा को बताया कि यह गाजा में फंसे फिलिस्तीनियों के लिए मृत्युदंड है। यह एक त्रासदी थी जो भविष्य में सामने आएगी।
रोजर विली ने कहा कि प्रत्येक इजरायली बमबारी के बाद फंसे लोगों के एस्बेस्टस के संपर्क में आने का स्तर 11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ढहने के बराबर था। साथ ही वर्षों बाद, यह स्पष्ट हो गया कि धूल के बादलों में एस्बेस्टस सहित जहरीले रसायन थे। विली ने कहा कि उन्होंने 2001 में भविष्यवाणी की थी कि 11 सितंबर के हमलों में मारे गए लोगों की तुलना में अधिक लोग एस्बेस्टस से संबंधित बीमारियों से मरेंगे।
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हेल्थ प्रोग्राम के अनुसार, हमलों के बाद से 4,343 बचे हुए लोग और पहले प्रतिक्रिया देने वाले लोग एस्बेस्टस से संबंधित बीमारियों से मर चुके हैं, जबकि 11 सितंबर को 2,974 लोग मारे गए थे। विली ने आगे कहा कि गाजा में भी यही होने वाला है। विली ने कहा कि हवा में एस्बेस्टस की मात्रा बहुत ज़्यादा होगी और यह मेसोथेलियोमा कैंसर की गारंटी है।
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