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सिर्फ एक टी-शर्ट पहनने की वजह से मिली ऐसी सजा जिसकी दुनिया भर में हो रही है चर्चा, मामला जान उड़ जाएगे होश

Divyanshi Singh • LAST UPDATED : September 16, 2024, 7:41 pm IST

Hong Kong

India News (इंडिया न्यूज),Hong Kong:हांगकांग में एक व्यक्ति को देश विरोधी नारे वाली टी-शर्ट पहनना महंगा पड़ गया। इसके लिए उसे सोमवार को देशद्रोह का दोषी ठहराया गया। इस तरह वह मार्च में पारित नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दोषी करार दिए जाने वाला पहला व्यक्ति है। दोषी का नाम चू काई-पोंग है। उसकी उम्र 27 साल है। उसे इसी साल 12 जून को एमटीआर स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। चू काई-पोंग को जब गिरफ्तार किया गया तो उसने एक टी-शर्ट पहन रखी थी। इस पर ‘फ्री हांगकांग, हमारे समय की क्रांति’ का नारा लिखा हुआ था। इसके साथ ही उसने पीले रंग का मास्क पहना हुआ था। इस पर ‘FDNOL’ लिखा हुआ था। यह भी एक नारे से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब है ‘पांच मांगें, एक भी कम नहीं’। विरोध प्रदर्शनों की याद दिलाने के लिए पहनी गई थी टी-शर्ट ये दोनों नारे साल 2019 में हांगकांग में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगाए गए थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक घटनाएं भी हुई थीं। चू काई-पोंग की गिरफ़्तारी के बाद कोर्ट में बताया गया कि उसने लोगों को विरोध प्रदर्शनों की याद दिलाने के लिए यह टी-शर्ट पहनी थी।

नए सुरक्षा कानून

हांगकांग में नए सुरक्षा कानून के तहत इस अपराध के लिए अधिकतम सज़ा सात साल है, जो पहले साल थी। इतना ही नहीं, अगर इस मामले में विदेशी ताकतों से मिलीभगत पाई जाती है, तो सज़ा 10 साल भी हो सकती है। अमेरिका समेत कई दूसरे देशों ने हांगकांग के नए सुरक्षा कानून पर चिंता जताई है। अमेरिका ने कहा है कि देशद्रोह से जुड़े अस्पष्ट प्रावधानों का इस्तेमाल असहमति को दबाने के लिए किया जा सकता है। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को दूर करना ज़रूरी है।

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2016 में लगाया गया था यह नारा

यह नारा पहली बार 2016 में लगाया गया था। हांगकांग के नेता एडवर्ड लेउंग ने इसका इस्तेमाल किया था। वे उपचुनाव में खड़े हुए थे। उन्होंने अपने अभियान में यह नारा लगाया था। लेउंग ने कहा कि यह नारा आज़ादी में विश्वास रखने वालों का प्रतिनिधित्व करता है। यह नारा उन लोगों की आवाज़ है जो अपने खून-पसीने से आज़ादी की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।

1898 में ब्रिटेन से युद्ध हारने के बाद चीन ने हांगकांग को 99 साल के लिए ग्रेट ब्रिटेन को पट्टे पर दे दिया था। 1997 तक ब्रिटेन ने हांगकांग पर शासन किया। पट्टे की अवधि समाप्त होने पर इसे वापस चीन को सौंप दिया गया। इस दौरान यह तय हुआ कि हांगकांग के लिए एक देश, दो व्यवस्था की नीति लागू की जाएगी। इसका मतलब था कि वहां की आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्थाएं चीन से स्वतंत्र होकर काम करेंगी। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जैसे फैसलों से हांगकांग की व्यवस्था को बदलने की कोशिश की जा रही है।

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