India News(इंडिया न्यूज),Japan: जापान इन दिनों कई सारे संकटो से घिरा हुआ है। जहां जापान के पीएम फुमियो किशिदा गुरुवार को संसदीय नैतिकता समिति के सामने पेश होने वाले पहले मौजूदा जापानी प्रधान मंत्री बन गए, क्योंकि उन्होंने एक फंडिंग घोटाले के तहत एक रेखा खींचने की मांग की थी जिससे उनकी लोकप्रियता को नुकसान पहुंचा है इसके साथ ही खबर ये सामने आ रही है कि,अगले साल के बजट में देरी हो सकती है।

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हफ्तों से चल रही खींचातनी

मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, किशिदा की उपस्थिति विपक्ष और सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के बीच सुनवाई आयोजित करने की तकनीकीताओं को लेकर कई हफ्तों तक चली खींचतान के बाद हुई, जो इस बात पर गौर करेगी कि कैसे कुछ एलडीपी गुट धन जुटाने वाली पार्टियों से करोड़ों येन की रिपोर्ट करने में विफल रहे। इसके साथ ही विपक्ष ने पूर्ण सार्वजनिक सुनवाई की मांग की थी जिसमें घोटाले में फंसे सबसे बड़े गुट के पांच प्रमुख सदस्य शामिल हों। एलडीपी ने बंद सत्र के लिए तर्क दिया था।

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किशिदा का बयान

इसके साथ ही इस मामले में किशिदा ने अपने टिप्पणी में कहा कि, “एलडीपी नेता के रूप में, मैं अपने दिल से माफी मांगता हूं कि इस धन उगाही के मुद्दे ने संदेह पैदा किया है और लोगों के बीच राजनीति में अविश्वास पैदा किया है। किशिदा इस घोटाले में सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी इसमें शामिल लोगों को दंडित करने पर विचार कर सकती है क्योंकि वह रोकथाम के उपायों पर काम कर रही है।

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