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कई देशों में बढ़ती आबादी के बीच जापान घटती जनसंख्या से परेशान, मंत्री सीको नोडा ने बताया यह मुख्य कारण…

BY: Naresh Kumar • LAST UPDATED : July 27, 2022, 8:43 pm IST
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कई देशों में बढ़ती आबादी के बीच जापान घटती जनसंख्या से परेशान, मंत्री सीको नोडा ने बताया यह मुख्य कारण…

Population of Japan

  • ऐसी स्थिति रही तो भविष्य में नहीं मिलेंगे सैनिक, दमकल व पुलिस : सीको नोडा

इंडिया न्यूज, Tokyo News। Population of Japan : दुनिया में एक ओर जहां कई देश बढ़ती जनसंख्या से परेशान हैं, वहीं जापान घटती आबादी के कारण चिंतित है। देश के लैंगिक समानता व बच्चों के मामलों की मंत्री सीको नोडा ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में जापान में पैदा होने वाले बच्चों की लगातार घटती संख्या को एक संभावित खतरे के रूप में दर्शाया है।

नवजात शिशुओं की संख्या में गिरावट

उन्होंने उपेक्षा के लिए पुरुष प्रधान जापानी संसद में ‘उदासीनता व अज्ञानता’ को जिम्मेदार ठहराया है। नोडा ने कहा, ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले दशकों में देश में पर्याप्त पुलिस बल, सैनिक व दमकल आदि नहीं मिलेंगे। लैंगिक समानता व बच्चों के मामलों की मंत्री ने कहा, गत वर्ष नवजात शिशुओं की संख्या द्वितीय विश्व युद्ध के खात्मे के ठीक बाद 2.7 मिलियन से भी कम 810,000 थी, जो एक रिकार्ड है।

बच्चे एक राष्ट्रीय खजाना हैं : मंत्री सीको नोडा

इससे पहले किसी वर्ष इतने कम नवजात पैदा नहीं हुए। नोडा के अनुसार, लोग कहते हैं कि बच्चे एक राष्ट्रीय खजाना हैं। उनका यह भी कहना है कि महिलाएं लैंगिक समानता के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वे केवल बातें करते हैं। मंत्री ने कहा, जापान की राजनीति तब तक नहीं चल पाएगी जब तक महिलाओं और बच्चों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाएगा।

अज्ञानता और उदासीनता को बताया मुख्य कारण

जापान के 20 सदस्यी मंत्रिमंडल में शामिल दो महिलाओं में से एक नोडा ने कहा, जापान में लगातार लैंगिक पूर्वाग्रह, कम जन्मदर व जनसंख्या में कमी के और भी कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि संसद में होने के नाते, खासतौर पर मुझे लगता है कि अज्ञानता और उदासीनता कम जन्मदर व जनसंख्या में कमी प्रमुख कारण है।

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जापान

जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, एक शक्तिशाली लोकतंत्र और अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी है, लेकिन सरकार ने महिलाओं, अल्पसंख्यकों और बच्चों के लिए समाज को ज्यादा समावेशी बनाने के मकसद से संघर्ष किया है। इस बात को लेकर जापान के साथ ही विदेशों में भी गहरी चिंताएं हैं।

विश्व आर्थिक मंच पर जापान का 116वां नंबर

विश्व आर्थिक मंच पर जापान 116वें स्थान पर है। देश में लैंगिग असमानता बढ़ती जा रही है। विश्व आर्थिक मंच ने राजनीतिक व आर्थिक भागीदारी के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और महिलाओं के लिए अन्य अवसरों के आधार पर समानता की दिशा में प्रगति को मापा और इसी के अनुसार इस वर्ष के लिए 146 देशों के सर्वेक्षण में जापान को 116वां स्थान दिया है।

महिलाओं को पुरुषों के बराबर समझा जाए

नोडा ने कहा, जापान में कई तरह से महिलाओं को कम करके आंका जाता है। उन्होंने कहा, मैं चाहती हूं कि महिलाएं भी पुरुषों के बराबर हों, पर अभी हम वहां नहीं हैं। देश की महिलाओं की आगे बढ़ने के लिए अभी और इंतजार करना है।

समलैंगिक विवाह का समर्थन करती हैं नोडा

मंत्री ने कहा, एक कोटा प्रणाली राजनीतिक पद के लिए महिला कैंडिडेट की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकती है, लेकिन पुरुष सांसदों ने उनके प्रस्ताव की आलोचना कर कहा कि महिलाओं को उनकी क्षमताओं से आंका जाना चाहिए। बता दें कि नोडा समलैंगिक विवाह का भी समर्थन करती हैं।

शादी व बच्चे पैदा करने की अनिच्छुक है युवा पीढ़ी

नोडा ने कहा, पारिवारिक मुद्दों के आसपास पुरानी सामाजिक व कानून-व्यवस्था की वजह से आज बहुतायत में युवा पीढ़ी शादी व बच्चे पैदा नहीं करना चाहती है। इस वजह से भी जन्म दर में गिरावट आ रही रही है और इसके चलते देश की जनसंख्या भी कम हो रही है।

मंत्री ने एक कानून की आलोचना की, जिसमें शादीशुदा जोड़ों को एक परिवार का नाम चुनने की जरूरत होती है। इसमें 90 प्रतिशत बार महिलाएं अपना उपनाम बदलती हैं। नोडा ने कहा, यह विश्व का एकमात्र ऐसा कानून है।

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