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India News(इंडिया न्यूज),Joe Biden In Vietnam: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भारत में जी20 शिखर सम्मेलन के बाद रविवार को वियतनाम दौरे पर पहुंचे। जहां बाइडन की खुब जोड़ो से स्वागत किया गया। इसके साथ हीं बाइडन ने संबोधन के दौरान भारत की बात करते हुए कहा कि, यह महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप के सिद्धांत पर आधारित है जो दोनों देशों के बीच साझा है। बता दें कि, एशिया में चीनी चुनौतियों और प्रतिस्पर्धा की काट खोजते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रविवार को वियतनाम पहुंचे। चीन के प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिका जहां वियतनाम जैसे नए दोस्त बनाने में जुटा है, वहीं हनोई भी बीजिंग पर निर्भरता कम करते हुए मित्रता के नए विकल्पों की तलाश में है।
इसके अलावा वियतनाम में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पीएम मोदी के विषय में बोलते हुए कहा कि, जी-20 में हमने बहुपक्षीय विकास, बैंक सुधार जैसे मुद्दों पर प्रगति की ताकि उन देशों तक पहुंचा जा सके जो न तो गरीब हैं और न ही अमीर। हमने एक अभूतपूर्व नई साझेदारी की है जो भारत को मध्य पूर्व और इजरायल के साथ यूरोप से रेल और शिपमेंट द्वारा ऊर्जा आपूर्ति और डिजिटल कनेक्शन के माध्यम से परिवहन से जोड़ेगी, जो उस पूरे गलियारे पर परिवर्तनकारी आर्थिक निवेश के अनकहे अवसर खोलने जा रहे हैं। हमने यूक्रेन में रूस के क्रूर और अवैध युद्ध पर भी चर्चा की है। मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी को उनके नेतृत्व और जी-20 की मेजबानी में उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।”
इसके साथ हीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जानकारी देते हुए बताया कि, भारत में हमने जो चीजें कीं, उनमें से एक, हमें एक नया रास्ता प्रदान करेगा, यह हर किसी के पैसे बचाने जा रहा है, वैश्विक दक्षिण की बढ़ने की क्षमता में वृद्धि करने जा रहा है, हम भारत से भूमध्य सागर तक एक नया रेलमार्ग बनाने जा रहे हैं। यूरोप के माध्यम से भूमध्य सागर में शिपिंग लेन और पाइपलाइन बनेगा ग्रेट ब्रिटेन और उससे आगे तक जाएगा। यह सब आर्थिक विकास के लिए है। इसका चीन को चोट पहुंचाने या चीन की मदद करने से कोई लेना-देना नहीं है। इसका संबंध जलवायु परिवर्तन से लेकर यह सुनिश्चित करने तक है कि ये देश आर्थिक रूप से सफल हो सकें और आगे बढ़ सकें।
इसके साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि,जब मैं राष्ट्रपति शी के साथ कर रहा था, तो उन्होंने पूछा कि हम क्वाड (ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका) में क्यों हैं। मैंने कहा यह स्थिरता बनाए रखने के लिए है। यह चीन को अलग-थलग करने के लिए नहीं है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सड़क, हवाई क्षेत्र, समुद्र और अंतरिक्ष रह जगह अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया जाता है या नहीं। मुझे लगता है कि चीन के राष्ट्रपति शी को अभी कुछ मुश्किलें हैं। चीन के पास कठिनाईयां हैं, उनके पास कुछ आर्थिक कठिनाइयां हैं, वह अपने तरीके से काम कर रहे हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा मैं चीन को आर्थिक रूप से सफल होते देखना चाहता हूं, लेकिन मैं उसे नियमों के अनुसार सफल होते देखना चाहता हूं।
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