Khalistani Attack Journalist: अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में एक भारतीय पत्रकार पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया। भारत सरकार ने बयान जारी कर हमले को निंदनीय बताया। अमेरिका में भारतीय दूतावास ने घटना को बर्बरता में लिप्त बताया।
- सैन फ्रांसिस्को में दूतावास पर हमला हुआ
- पत्रकार पर डंडे से हमला किया गया
- एंजेसियों ने पत्रकार की जान बचाई
अपने बयान में दूतावास ने कहा कि हम एक वरिष्ठ पत्रकार पर इस तरह के गंभीर और अनुचित हमले की निंदा करते हैं। इस तरह की गतिविधियां केवल तथाकथित ‘खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों’ और उनके समर्थकों की हिंसक और असामाजिक प्रवृत्ति को रेखांकित करती हैं, जो नियमित रूप से हिंसा और बर्बरता में लिप्त रहते हैं। वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय पत्रकार ललित झा पर खालिस्तान समर्थक समर्थकों द्वारा हमला किया गया और गालियां दी गईं। वह शनिवार दोपहर भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थक विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे।
एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई की
अमेरिका में भारतीय दूतावास ने कहा, “हमने आज वाशिंगटन डीसी में तथाकथित ‘खालिस्तान विरोध’ को कवर करने के दौरान प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार, धमकी और शारीरिक हमले के परेशान करने वाले दृश्य देखे हैं। पत्रकार को पहले मौखिक रूप से धमकाया गया फिर शारीरिक हमला किया गया और अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए कानूनी संस्थाओं को फोन करना पड़ा जिन्होंने तुरंत कार्रवाई की।”
कान पर दो डंडे मारे
भारतीय दूतावास ने अपने बयान में एजेंसियों को मामले में उनकी त्वरित प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद दिया। पत्रकार ने यूएस सीक्रेट सर्विस को उनकी रक्षा करने और अपना काम करने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थक समर्थकों ने उनके बाएं कान पर दो डंडे मारे। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर खालिस्तानी समर्थकों का एक वीडियो भी शेयर किया। पत्रकार ललित झा ने कहा, “एक समय पर मुझे इतना खतरा महसूस हुआ कि मैंने 911 पर कॉल किया। फिर मैंने सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों को देखा और उन्हें घटना सुनाई।” हालांकि, पत्रकार ने उनके साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया।
कई जगह प्रर्दशन
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के बाद दुनियाभर के कई भारतीय दूतावास पर प्रर्दशन देखे गए है। वही सैन फ्रांसिस्को वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन के नाम पर 20 मार्च को हमला किया गया था। अमेरिका ने अलगाववादी सिखों के एक समूह द्वारा सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे बिल्कुल अस्वीकार्य बताया था।
यह भी पढ़े-
- अपराधिक जांच में फंसे डोनाल्ड ट्रंप का आया बयान, कहा- ‘ये देश के लिए हो सकता है विनाशकारी’
- पाकिस्तान गरीबी से परेशान, मुफ्त आटा लेने की भगदड़ में गई चार बुजुर्गों की जान