India News(इंडिया न्यूज),Khunjerab Border: ज्यादा सर्दी पड़ने के कारण चार महीने तक बंद रहने के बाद पाकिस्तान-चीन खुंजराब सीमा फिर से खुल गई है, जिससे वाणिज्यिक और पर्यटक गतिविधियों की सुविधा मिल रही है। जहां द्विपक्षीय समझौते के अनुसार, ठंड के मौसम और भारी बर्फबारी के कारण सीमा आमतौर पर हर साल 1 दिसंबर से 31 मार्च तक बंद रहती है। वहीं रिपोर्ट की माने तो इस सीमा पार को फिर से खोलने से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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चार महीने सा था बंद
बंद अवधि के दौरान व्यापार और पर्यटन गतिविधियाँ रुकी हुई थीं, पाकिस्तान की विकास परियोजनाओं के लिए आवश्यक वस्तुओं का परिवहन सीमा पार निर्बाध रूप से जारी रहा। विशेष रूप से खुंजेरब सीमा को फिर से खोलने के साथ, गिलगित-बाल्टिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेष रूप से सोस्ट और चीनी शहर ताशघरगन में परिवहन गतिविधियाँ फिर से शुरू हो गई हैं।
व्यापार का साधन
यह विकास दोनों देशों के बीच वाणिज्य और कनेक्टिविटी के नए सिरे से प्रवाह का संकेत देता है, आर्थिक लाभ और संबंधों को मजबूत करने का वादा करता है। वहीं इससे पहले, 12 नवंबर को, चीनी सरकार ने सर्दियों में चार महीने के लिए खुंजेरब दर्रे को बंद करने की घोषणा की थी, जो कि पूरे साल उच्च ऊंचाई वाली सड़क को खुला रखने पर सहमति के लगभग एक महीने बाद हुई थी।
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जानें पाकिस्तान-चीन खुंजेराब सीमा की खासियत
वहीं 16,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित खुंजेरब दर्रा इस पर्वत श्रृंखला पर दो देशों को जोड़ने वाला एकमात्र स्थान है। खुंजेरब दर्रा वह बिंदु है जहां सबसे ऊंची पक्की अंतरराष्ट्रीय सड़क, काराकोरम राजमार्ग, चीन में प्रवेश करती है, जो चीन के झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र और गिलगित को जोड़ती है। मिली जानकारी के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान को चीन के झिंजियांग क्षेत्र से जोड़ता है और समुद्र तल से 15,500 फीट की ऊंचाई पर सबसे ऊंची पक्की अंतरराष्ट्रीय सीमा है, 1985 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित सीमा प्रोटोकॉल समझौते के तहत, दर्रा अप्रैल और नवंबर के बीच यात्रा और व्यापार के लिए खुला रहता है।