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India News(इंडिया न्यूज), Laos Debt Crisis: चीन का एक और पड़ोसी देश कर्ज के भारी बोझ तले कराह रहा है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि यह देश अब डिफॉल्ट करने जा रहा है। इस देश के डिफॉल्ट की दहलीज पर पहुंचने का एकमात्र कारण चीन का कर्ज है। चीन ने इस देश को भारी मात्रा में कर्ज दिया है। अब यह देश चीन को छोड़कर बाकी दुनिया से लिया गया कर्ज वापस नहीं कर पा रहा है और कर्ज पुनर्गठन की मांग कर रहा है। हालांकि, चीन ने पहले की तरह इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है और कह रहा है कि वह मदद के लिए तैयार है। इससे पहले श्रीलंका चीनी कर्ज के कारण डिफॉल्ट कर चुका है और पाकिस्तान उस दहलीज पर पहुंचने के बाद बार-बार खुद को बचा रहा है।
बता दें कि, चीनी कर्ज से बर्बाद हुए इस देश का नाम लाओस है, लाओस चीन का पड़ोसी देश है। पिछले साल ही चीन ने लाओस के लिए रेलवे लाइन का उद्घाटन किया था। अब लाओस चीन के प्रति अपने प्रेम की सजा भुगत रहा है। हालांकि, चीन का कहना है कि वह पड़ोसी लाओस को उसके भारी कर्ज के बोझ को कम करने में मदद कर रहा है। इस बीच, लाओस ने खुलासा किया है कि उसके बाहरी पुनर्भुगतान लगभग दोगुने हो गए हैं। ऐसे में वह डिफॉल्ट को रोकने के लिए और अधिक कर्ज स्थगन चाहता है। हालांकि, लाओस को ऋण देने वाले पक्ष इसके लिए तैयार नहीं हैं।
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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को सवालों के लिखित जवाब में कहा कि बीजिंग ने लाओस सहित विकासशील देशों के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग किया है, जिसमें आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए मजबूत समर्थन शामिल है। उन्होंने कहा कि साथ ही, वह संबंधित देशों को उनके ऋण के बोझ को कम करने में मदद करने की पूरी कोशिश कर रहा है।
चीन अब तक लाओस का सबसे बड़ा कर्जदाता है, जो बाहरी सरकारी कर्ज में 10.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लगभग आधा हिस्सा वहन करता है। पिछले साल के अंत में इस छोटे से देश का कुल सार्वजनिक और सार्वजनिक रूप से गारंटीकृत ऋण 13.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो इसके सकल घरेलू उत्पाद का 108 प्रतिशत है।
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