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India News (इंडिया न्यूज),London: दुनिया के खूबसूरत शहरों में एक लंदन जो की अपनी खूबसूरती के चलते जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि, उसी लंदन के लोगों का रहन सहन कैसा है? क्या आप जानते है कि, लोग कैसे मजबूर हो गए है अपने हीं घरों में जानवर के साथ जानवर की तरह रहने के लिए? चलिए आज हम आपको चमचमाते लंदन के पीछे की अंधेरे से परिचय कराते है। जहां चूहों और कॉकरोचों के बीच जानवरों जैसे हालात में लोग रहने को मजबूर हैं। जिसको लेकर कुछ तस्वीरें भी सामने आ रही है। जिसे देखकर आप स्थिर और सोच में पड़ जायेंगे कि क्या वो वहीं लंदन है जिसके बारे में सब बोला करते है खूबसूरती हो तो लंदन जैसा हो।
लंदन की एक अपार्टमेंट मार्लिन अपार्टमेंट से आई रिपोर्ट के अनुसार, नियमित कीटनाशक छिड़काव के बावजूद कॉकरोच, चूहे और खटमल पीछा नहीं छोड़ रहे है। कमरे इन जीवों से पूरी तरह से घिरे हुए हैं। इसी वजह से यहां रहने वाले लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। जिसके बाद वहां रह रहे सब्बीर रिपन का कहना है कि, उनका वन-बेडरूम वाला फ्लैट ‘जानवरों के पिंजरे’ जैसा है. सब्बीर, उनकी पत्नी और उनके 2 बच्चे पिछले साल मार्लिन अपार्टमेंट में आ गए, जब उनके मकान मालिक ने उन्हें फॉर-बेड वाले घर से बाहर निकाल दिया, जहां वे किराए पर रह रहे थे. उन्होंने कहा, ‘यहां जगह बहुत छोटी है, बच्चों को ऐसी स्थिति में नहीं रहना चाहिए. यह एक पिंजरे की तरह है, यह एक जानवर के पिंजरे की तरह है, यह रहने योग्य जगह नहीं है.’
वहीं केवल 8 महीने के लिए मार्लिन अपार्टमेंट रहने आएं कारमेन गॉस ने इस विषय पर कहा कि, मुझे 8 सप्ताह के लिए मार्लिन अपार्ट में रहना था, लेकिन अब वह दो साल से अधिक समय से वहां रह रही हैं। ‘कॉकरोच हर चीज पर चढ़ते हैं. मैंने बाथरूम और किचन में पेपरमिंट ऑयल से छिड़काव किया। मैंने हर जगह स्प्रे भी किया, लेकिन भी वे फ्रिज में आ जाते थे, वे हर जगह थे। यह काफी भयानक था।
जानकारी के लिए बता दें कि, वहां सोनिया ऑगस्टीन, जो अपने पति और 14 और 6 साल के टू-बेडरूम वाले फ्लैट में रहती हैं। वह कहती है कि वह खटमलों से छुटकारा पाने के व्यर्थ प्रयास में लगातार बिस्तर धो रही है. उन्होंने कहा, मेरे बच्चे] सुबह नहीं उठेंगे, क्योंकि जब लाइट बंद होती है, तो खटमल उन्हें काट रहे होते हैं, और पूरी रात वे सिर्फ खुजली करते रहते हैं इसलिए वे शांति से सो नहीं पाते हैं। स्ट्रैटफोर्ड में पूरी प्रोपर्टी का इस्तेमाल लोकल काउंसिल द्वारा अस्थायी आवास के रूप में किया जाता है, लेकिन निवासियों का कहना है कि यह ‘अस्थायी’ से बहुत दूर है और कुछ लोग लगभग चार सालों से वहां हैं. न्यूहैम काउंसिल ने स्वीकार किया कि वह ‘अस्थायी आवास में संकट’ का सामना कर रहा है, जो महामारी और महंगी कॉस्ट ऑफ लिविंग के दबाव के कारण और भी बदतर हो गया है।
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