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India News (इंडिया न्यूज), Maldives President Mohamed Muizzu: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत के चार दिनों के दौरे पर हैं। वो राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पहली बार भारत के द्विपक्षीय दौरे पर आए हैं। ऐसे में ये सवाल लगातार उठ रहे हैं कि, इंडिया आउट का नारा देने वाले मुइज्जू बार-बार भारत क्यों आ रहे हैं? इससे पहले मालदीव की मौजूदा स्थिति को समझने की जरूरत है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 40 करोड़ डॉलर का ही रह गया है। इतनी राशि से सिर्फ डेढ़ महीने का ही खर्च चलाया जा सकता है। मालदीव का पर्यटन क्षेत्र अभी घाटे में चल रहा है। जबकि पर्यटन क्षेत्र मालदीव की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। लेकिन मुइज्जू के भारत विरोधी बयान की वजह से मालदीव के पर्यटन क्षेत्र पर बहुत बुरा असर पड़ा है।
साल 1965 में मालदीव को आजादी मिली थी। आजादी मिलने के बाद मालदीव को भारत उन देशों में शामिल था, जिन्होंने उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए। इस बात की जानकारी सबको है कि, मालदीव का टूरिज्म सेक्टर काफी हद तक भारतीय सैलानियों पर टिका हुआ है। हर साल बड़ी संख्या में भारतीय सैलानी घूमने-फिरने के लिए मालदीव का रुख करते हैं। मालदीव डिफेंस सेक्टर, इंफ्रास्ट्रचर, हेल्थकेयर और शिक्षा, अर्थव्यवस्था और ट्रेंड और टूरिज्म को लेकर भारत पर निर्भर है।
हम आपको बता दें कि, भारत साल 1988 से डिफेंस और सिक्योरिटी सेक्टर में मालदीव की मदद कर रहा है। साल 2016 के अप्रैल महीने में इस संबंध में एक एग्रीमेंट भी हुआ था, जिससे इसे और बढ़ावा मिला है। भारत मालदीव के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में बड़ी भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा शिक्षा सेक्टर की बात करें तो भारत ने साल 1966 में मालदीव में टेक्निकल एजुकेशन इंस्टीट्यूट कोस्थापित करने में मदद की थी। भारत ने मालदीव के शिक्षकों और युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए भारत ने एक विशेष प्रोग्राम भी शुरू किया है।
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साल 2014 में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने तब से भारत और मालदीव के बीच व्यापार चार गुना बढ़ा है। साल 2022 में भारत और मालदीव के बीच व्यापार 50 करोड़ डॉलर का था, जबकि अगर हम इससे पहले के व्यापार की बात करें तो 2014 में यह 17 करोड़ डॉलर ही था। भारत पर मालदीव की अर्थव्यवस्था कई मायनों में निर्भर करती है। भारत से बहुत से मालदीव घूमने जाते हैं। लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद दोनों देशों के रिश्तों में दरार आ गई, इसके बाद भारत के लोगों ने मालदीव की यात्रा करना बंद कर दी और मालदीव का बहिष्कार कर दिया, जिससे मालदीव की इकोनॉमी काफी घाटे में जा चुकी है।
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