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दिल्ली दौरे से पहले मालदीव ने कर दिया ऐसा खेल, जो भारत को कभी नहीं आएगा रास

Sohail Rahman • LAST UPDATED : September 15, 2024, 7:33 am IST

Maldives Sign MoU With China For Currency Transactions

India News (इंडिया न्यूज), Maldives Sign MoU With China For Currency Transactions: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जल्द ही भारत आ सकते हैं। इसे भारत के साथ मालदीव के संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। इस यात्रा का महत्व इसलिए भी काफी बढ़ जाता है क्योंकि इस साल की शुरुआत में मालदीव के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों के कारण दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। उस विवाद के बाद द्विपक्षीय वार्ता के लिए मुइज्जू की यह पहली भारत यात्रा होगी। लेकिन इस संभावित यात्रा से पहले एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जिससे भारत और मालदीव के बीच तनाव थोड़ा और बढ़ सकता है। 

मालदीव ने चीन के साथ किया वाणिज्यिक समझौता 

हम आपको बता दें कि मालदीव ने चीन के साथ एक वाणिज्यिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मालदीव ने चालू खाता लेनदेन और अपनी-अपनी मुद्राओं में सीधे निवेश के लिए पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना के साथ एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। मालदीव ने यह भी कहा कि चीन के सबसे बड़े बैंक आईसीबीसी की एक शाखा जल्द ही यहां खुल सकती है। मालदीव के आर्थिक मंत्री मोहम्मद सईद ने कहा, “मालदीव में चीन के सबसे बड़े बैंक इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (आईसीबीसी) की एक शाखा खोलने पर काम चल रहा है।” 

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कौन है मालदीव का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार?

जानकारी के अनुसार चीन मालदीव का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। मालदीव की सरकारी मीडिया पीएसएमन्यूज ने शुक्रवार को यहां कहा कि मालदीव के आर्थिक विकास और व्यापार मंत्रालय और पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) के बीच समझौते का उद्देश्य स्थानीय मुद्राओं में लेनदेन के निपटान को बढ़ावा देना है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। संकट में मालदीव की अर्थव्यवस्था मालदीव की अर्थव्यवस्था संकट से गुजर रही है। इसे सहारा देने के लिए उसे भारत से भी मदद की उम्मीद है। 

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मालदीव दौरे पर गए थे भारत के विदेश मंत्री 

कुछ समय पहले जब भारत के विदेश मंत्री मालदीव दौरे पर गए थे, तब वहां यूपीआई शुरू करने पर सहमति बनी थी। इतना ही नहीं मालदीव को आरबीआई के करेंसी स्वैप प्रोग्राम के तहत भारत से तुरंत 400 मिलियन डॉलर मिलने की उम्मीद है। भारत ने 2019 में मालदीव को 800 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन दी थी जिसके माध्यम से वह और लंबी अवधि के लिए लोन मांग सकता है। हालांकि मालदीव की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। मालदीव को अक्टूबर में भारत को 25 मिलियन डॉलर का भुगतान भी करना है। मालदीव का कर्ज उसकी जीडीपी का 110 प्रतिशत हो गया है। हम आपको बता दें कि मालदीव के फॉरेक्स रिजर्व में सिर्फ 437 मिलियन डॉलर बचे हैं। 

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