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India News (इंडिया न्यूज), Iran News: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद ईरान की आक्रामकता में कमी आई है। इजरायल ने लेबनान के युद्ध में हिजबुल्लाह के नेतृत्व को व्यवस्थित तरीके से खत्म करके ईरान को बड़ा झटका दिया। वहीं सीरिया में तख्तापलट ने ईरान की सप्लाई चेन की कमर तोड़ दी, मिस्र में अब्देल फतह अल-सिसी अमेरिका के खेमे में है और वहां से भी वह हमास के लिए कुछ खास नहीं कर पा रहा है। पिछले कुछ महीने भले ही ईरान के लिए बुरे रहे हों लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ईरान कमजोर हो गया है।
बताया जा रहा है कि, ईरान अब अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने में लगा हुआ है, वह लगातार ड्रोन और मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है। इसके अलावा ईरान लड़ाकू रोबोट और अपने सैटेलाइट प्रोग्राम को भी आगे बढ़ा रहा है। इसके अलावा, जानकारी सामने आ रही है कि, ट्रंप की शपथ से कुछ दिन पहले ईरान की सेना ने चार दिवसीय अभ्यास किया था, जिसे कई लोग इस बात की तैयारी मान रहे हैं कि अगर अमेरिका, इजरायल या संयुक्त रूप से उसके परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला होता है तो देश किस तरह से जवाब दे सकता है।
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के नजफ अशरफ पश्चिम मुख्यालय के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद-नजर अजीमी ने इस अभ्यास को ‘नए हथियारों और उपकरणों’ से जुड़ा बताया है। ईरान के हालिया कदमों से यह साफ हो गया है कि वह अपनी सेना को और आधुनिक और मजबूत बनाने में लगा हुआ है।
ड्रोन आधुनिक युग का सबसे महत्वपूर्ण हथियार है, इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका छोटा आकार और बहुमुखी उपयोग है। कई देश अत्याधुनिक ड्रोन खरीद और बेच रहे हैं और ड्रोन बनाने और बेचने दोनों में ईरान का नाम आता है। दशकों से सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहे ईरान ने रणनीतिक रूप से ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में खुद को एक बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित कर लिया है। शाहिद, अबाबिल, अराश, फोटोस, मेराज और मोहजर जैसे ड्रोन बनाने के बाद ईरान और भी आधुनिक ड्रोन बनाने में लगा हुआ है।
इसके ड्रोन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूसी सेना को रणनीतिक बढ़त दिलाई है, जो इजरायल और अमेरिका के लिए सिरदर्द है।ईरान टाइम्स की खबर के अनुसार, आर्मी ग्राउंड फोर्स के डिप्टी कमांडर ब्रिगेडियर जनरल नोजर नेमाती ने जानकारी दी कि ईरानी सेना हाल ही में लड़ाकू रोबोट के परीक्षण में लगी है, साथ ही नए मॉडल भी विकसित कर रही है।
इसके अलावा, हाल ही में ईरान ने दुनिया को एक नया भूमिगत मिसाइल शहर दिखाया, जिसमें हजारों मिसाइलों का भंडार दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के पास लाखों मिसाइलें हैं और उनमें से कुछ ऐसी हैं जो कुछ ही मिनटों में इजरायल तक पहुंच सकती हैं। ईरान अपनी ताकत को और बढ़ाने में लगा हुआ है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने सितंबर में लंबी दूरी की सेजिल मिसाइलों का परीक्षण किया था। तेहरान का दावा है कि यह मिसाइल 1,240 मील दूर के लक्ष्यों को भेद सकती है, जिसका मतलब है कि इजरायल, अधिकांश अरब देश और दक्षिणी यूरोप के कुछ हिस्से – जिसमें तुर्की के कुछ हिस्से भी शामिल हैं – सभी ईरान की मिसाइल रेंज में हैं।
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