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MEA का चीन को करारा जवाब , ‘इनकार करने से सच नहीं बदलेगा, अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा…’

India China Tension: भारत ने चीन को अरुणाचल प्रदेश को लेकर कड़ा जवाब दिया है. भारत ने उस घटना पर ऐतराज जताया, जिसमें अरुणाचल की पेमा वांगजोम थोंगडोक को शंघाई एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था. इतना ही नहीं, चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावों को भी दोहराया, जिसे वह जंगनान या दक्षिण तिब्बत कहता है.

Written By: Mohammad Nematullah
Last Updated: November 26, 2025 08:30:32 IST

Arunachal Pradesh: भारत ने अब अरुणाचल प्रदेश को अपना इलाका बताने और शंघाई एयरपोर्ट पर एक भारतीय महिला के साथ हुई बदसलूकी पर चीन के सीधे और कड़े लहजे में जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने साफ कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न, अविभाज्य और बिना किसी विवाद वाला हिस्सा है, और चीन के किसी भी इनकार से तथ्य या भारत की संप्रभुता नहीं बदल सकती है. भारत ने मंगलवार को इस मुद्दे पर चीन की बेशर्मी और चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा कि चीनी पक्ष अपने कामों की जानकारी देने में भी सक्षम नहीं है. जबकि वह खुलेआम इंटरनेशनल स्टैंडर्ड और अपने नियमों का उल्लंघन कर रहा है.

अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हमने अरुणाचल प्रदेश से एक भारतीय नागरिक को मनमाने ढंग से हिरासत में लेने पर चीन के बयान देखे है. जिस भारतीय महिला की बात हो रही है, उसके पास वैलिड पासपोर्ट था और वह शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जापान जा रही थी. उसके पासपोर्ट के आधार पर चीन का हिरासत में लेना न केवल गलत था. बल्कि उसके भौगोलिक मूल पर सवाल उठाना भी एक अस्वीकार्य काम है.” भारत ने साफ-साफ कहा कि “अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अहम हिस्सा है. यह एक साफ, ठोस और बिना किसी शक के सच है. चीन जो भी कहता है, वह सिर्फ़ एक कागज का झूठ है.”

चीन की कार्रवाई इंटरनेशनल एविएशन नियमों का उल्लंघन करती है

विदेश मंत्रालय (MEA) ने यह भी कहा कि चीन अब तक यह बताने में नाकाम रहा है कि उसने किस आधार पर एक भारतीय नागरिक को “गैर-कानूनी” घोषित किया है. भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि चीनी अधिकारियों की कार्रवाई इंटरनेशनल हवाई यात्रा को कंट्रोल करने वाले कई नियमों का उल्लंघन करती है. यह कदम चीन के अपने ट्रांज़िट नियमों का भी उल्लंघन करता है, जो हर देश के नागरिकों को 24 घंटे वीज़ा-फ़्री ट्रांज़िट की इजाजत देते है.

चीन ने भारतीय महिला के साथ हैरेसमेंट के आरोपों से इनकार किया

मंगलवार को चीन ने उन आरोप से इनकार किया कि अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को शंघाई एयरपोर्ट पर हैरेस किया गया था. चीन ने कहा कि चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई कानून और नियमों के अनुसार थी. UK में रहने वाली एक भारतीय नागरिक पेमा वांगजोम थोंगडोक 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थी. उसने दावा किया कि उसका प्लान किया हुआ तीन घंटे का लेओवर तब मुश्किल में पड़ गया जब इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसके पासपोर्ट को सिर्फ़ इसलिए “इनवैलिड” घोषित कर दिया क्योंकि उसमें अरुणाचल प्रदेश उसका जन्मस्थान लिखा था.

जब थोंगडोक की घटना पर कमेंट के लिए पूछा गया तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने दावा किया कि महिला के साथ कोई ज़रूरी कदम नहीं उठाया गया है. उसे हिरासत में नहीं लिया गया या परेशान नहीं किया गया है. जैसा उसने आरोप लगाया था. माओ ने कहा कि एयरलाइन ने उसके आराम करने, खाने-पीने का भी इंतज़ाम किया था. माओ ने कहा कि “हमें पता चला कि चीनी बॉर्डर इंस्पेक्शन अधिकारियों ने कानूनों और नियमों के अनुसार सभी प्रोसेस पूरे किए और संबंधित व्यक्ति के कानूनी अधिकार और हित की पूरी तरह से रक्षा की है.”

चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना इलाका बताता है

उन्होंने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावों को भी दोहराया जिसे वह ज़ंगनान या साउथ तिब्बत कहता है. उन्होंने कहा, “ज़ंगनान चीन का हिस्सा है. चीन ने भारत द्वारा गैर-कानूनी तरीके से बसाए गए तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी है.” दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि भारत ने घटना वाले दिन ही बीजिंग और दिल्ली दोनों जगहों पर चीन के सामने कड़ा विरोध (डेमार्शे—एक फॉर्मल डिप्लोमैटिक विरोध) दर्ज कराया गया है.

भारत पहले ही चीन को जवाब दे चुका है

भारत ने चीनी पक्ष को साफ-साफ बताया कि अरुणाचल प्रदेश “बिना किसी शक के” भारतीय इलाका है और वहां के लोगों को भारतीय पासपोर्ट रखने और उससे यात्रा करने का पूरा अधिकार है. उन्होंने कहा कि शंघाई में भारतीय कॉन्सुलेट ने भी इस मामले को स्थानीय स्तर पर उठाया और फंसे हुए यात्री की पूरी मदद की है.

थोंगडोक ने अपनी परेशानी बताई

सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में थोंगडोक ने कहा कि शंघाई एयरपोर्ट पर चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें 18 घंटे तक इस आधार पर हिरासत में रखा कि उनका पासपोर्ट “इनवैलिड” था क्योंकि उनके जन्म की जगह अरुणाचल प्रदेश बताई गई थी. ब्रिटेन में रहने वाले एक दोस्त की मदद से वह शंघाई में भारतीय कॉन्सुलेट से संपर्क करने में कामयाब रहीं है. जानकारी के मुताबिक कॉन्सुलेट के अधिकारियों ने उन्हें चीनी शहर से देर रात की फ्लाइट में चढ़ने में मदद की है.

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