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India News (इंडिया न्यूज), Middle East Tensions: यहूदी देश इजरायल इस वक़्त भयकर जंग लड़ रहा है। जहां उसका मुकाबला हमास और हिजबुल्लाह के अलावा ईरान और हूती से है। हालांकि ये सभी अभी अलग-अलग इजरायल पर हमला बोल रहे हैं। लेकिन दिक्कत की बात यह है कि अगर कभी ये सभी एक साथ हमला बोल दें तो इजरायल का क्या होगा। बता दें कि, ये वही इजराइल है, जिसकी खुफिया एजेंसी मोसाद, एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोमऔर अटैक सिस्टम की मिशाल दी जाती थी। खैर अब इसी इजरायल के सारे सुरक्षा इंतजामों, सारे एयर डिफेंस सिस्टम और सारे आयरन डोम को धता बताते हुए एक छोटे से देश यमन के हूती विद्रोहियों ने राजधानी तेल अवीव के पास इजरायल के बीचों-बीच अपनी बैलिस्टिक मिसाइल दागने में कामयाबी हासिल कर ली है।
बता दें कि, हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर एक साथ करीब 8 हजार रॉकेट दागे थे। तब पहली बार न सिर्फ इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद की आलोचना हुई थी, बल्कि इजरायल के रक्षा कवच कहे जाने वाले आयरन डोम पर भी सवाल उठे थे। हालांकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जवाबी हमला करके इन सवालों को शांत कर दिया था। तब से लेकर अब तक करीब एक साल बीतने वाला है। नेतन्याहू ने तब कहा था कि युद्ध तभी खत्म होगा जब हमास खत्म होगा। इस बीच ईरान ने भी अप्रत्यक्ष रूप से हमास का समर्थन किया। साथ ही लेबनान का हिजबुल्लाह और यमन के हूती हमास के साथ आ गए हैं। वहीं इजरायल ने भी इसका तगड़ा जवाब दिया है। इजरायल हूती और हमास के हजारों लड़ाके मार गिराए हैं। इसके अलावा ईरान में घुसकर हमास के मुखिया को मार गिराया।
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इजरायल के साथ 15 सितंबर को यमन के हूती विद्रोहियों ने करीब 2600 किलोमीटर की दूरी से एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी। जो इजराइल के रक्षा कवच आयरन डोम को चीरती हुई राजधानी तेल अवीव के इलाके में गिरी। हालांकि इस मिसाइल का निशाना तेल अवीव के जाफ़ा में एक सैन्य अड्डा था, लेकिन निशाना चूक जाने की वजह से मिसाइल खाली जगह पर गिरी और इजराइल को कोई नुकसान नहीं हुआ। जिसके बाद फिर से आयरन डोम पर सवाल खड़े हो रहे हैं।जो अमेरिका और रूस से ज्यादा शक्तिशाली है। वहीं इजराइली सेना खुद कह रही है कि अब तक इजराइली सेना हूती विद्रोहियों की मिसाइलों को लाल सागर के ऊपर से नष्ट करती रही है। लेकिन यह पहली बार है कि उसकी मिसाइल आयरन डोम को भेदकर तेल अवीव तक पहुंच गई है।
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दरअसल, आयरन डोम की विफलता को लेकर जांच शुरू हो गई है। साथ ही यह भी साबित हो गया है कि हूतीयों ने जिस मिसाइल के जरिए इजरायल पर हमला किया है, वह उनकी अपनी मिसाइल नहीं बल्कि ईरान की मिसाइल ग़दीर है। इसी ग़दीर के खतरे की वजह से ही इजराइल ने अपना आयरन डोम बनाया था। तो यह साफ है कि ईरान ने अपनी ग़दीर मिसाइल और इजराइल के आयरन डोम का परीक्षण हूतियों के जरिए किया है।
वहीं अब खबर आ रही है कि लंबे समय से चल रहे युद्ध में बेहतर परिणाम नहीं आने की वजह से नेतन्याहू रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को बर्खास्त कर सकते हैं। क्योंकि रक्षा मंत्री चाहते हैं कि लेबनान द्वारा बंधक बनाए गए इजरायली बंधकों को पहले रिहा किया जाए और फिर इजरायल हमला करे। जबकि पीएम बेंजामिन नेतन्याहू चाहते हैं कि बंधकों को रिहा किया जाए या नहीं लेकिन इजरायल लेबनान पर हमला कर दे।
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