India News (इंडिया न्यूज), Mohammed Muizzoo: भारत से रिश्ते खराब होने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार लगातार सवालों के घेरे में है। बताया जा रहा है कि मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दाखिल करने के लिए तैयार है। भारत ने भी इस पर अपना रुख साफ कर दिया है। साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि यह मालदीव का आंतरिक मामला है और भारत इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेगा।

मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव

जयसवाल ने संवाददाताओं से कहा कि, “ये मालदीव के आंतरिक मामले हैं और हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।” इस सप्ताह की शुरुआत में, मालदीव की संसद में विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सांसद ने कहा कि उनकी पार्टी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दायर करने के लिए पर्याप्त हस्ताक्षर एकत्र कर लिए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अभी तक इसे संसद में पेश नहीं किया है।

मालदीव की संसद में मचा हंगामा

बता दें कि, यह घटनाक्रम मालदीव की संसद में हिंसा भड़कने के एक दिन बाद सामने आया है, जब सरकार समर्थक पार्टियों पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) और प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के सांसदों ने इस कार्यवाही बाधित की और स्पीकर से भिड़ गए। यह झड़प राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के मंत्रिमंडल में मंत्रियों के लिए संसदीय मंजूरी लेने के लिए बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान हुई।

राष्ट्रपति बनते ही मुइज्जू भारत के खिलाफ

45 वर्षीय मुइज्जू ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भारत के करीबी उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया था। उनके चुनाव के बाद से मालदीव और भारत के बीच कई मुद्दों पर कूटनीतिक खींचतान बनी हुई है। राजनयिक विवाद तब शुरू हुआ जब मुइज्जू ने अपने शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर भारत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की।

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