विदेश

Israel-Palestine Conflict: दुनिया की सबसे मजबूत एजेंसी ‘मोसाद’ आखिर क्यों रही हमास हमले को रोकने में विफल, क्या है इसके पीछे की वजह?

India News (इंडिया न्यूज), Israel-Palestine Conflict:  6 अक्टूबर यानी शुक्रवार का दिन इजराइल के कई शहरों में दहशत वाला दिन रहा। फिलिस्तीन के आतंकी समूह हमास ने गाजा से इजरायल की धरती पर अचानक से जमीन, समुद्र और हवाई हमले के साथ लगभग 5000 रॉकेट दाग दिये। हमास ने अपने लड़ाकों को कस्बों, किबुत्ज़ समुदायों और यहां तक ​​कि एक बाहरी संगीत समारोह में भी घुसपैठ करने के लिए भेजा। इस दहशत की डर से इजरायली अपने घरों में छिप गए। इसके साथ ही ऐसी भी खबरें सामने आई कि हमास के लड़ाके घर-घर जाकर आतंकवादी हमले (Israel-Palestine Conflict) कर रहे थे और नागरिकों को गोली मार रहे थे,उन्हें घसीटकर ले जा रहे थे। ये दर्दनाक हादसा देखकर लोगों की रूह काप उठी।

हमास ने नावों और मोटर चालित पैराग्लाइडरों द्वारा जमीनी हमले को भी अंजाम दिये, जिन्होंने गुरिल्ला रणनीति के उपयोग से सुबह-सुबह इजरायली भूमि पर धावा बोल दिया।

इस हमले में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। यह 1973 के योम किप्पुर युद्ध के बाद से इज़रायली धरती पर सबसे भयानक हमला रहा है। ये दो प्रसिद्ध इज़रायली सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसी, शिन बेट और मोसाद के संयुक्त प्रयासों के बावजूद है। इस हमलें और मौतों ने विशेष रूप से मोसाद की विश्वसनीयता को एक बड़ा झटका दिया है, जिसकी इज़राइल और दुनिया भर में उपलब्धि प्रसिद्ध रूप से चर्चित है। तो चलिए आगे जानते हैं आखिर मोसाद कैसे काम करता है।

कैसे काम करता है मोसाद खुफिया एजेंसी?

3 बिलियन डॉलर के वार्षिक बजट और 7000 अनुभवी लोगों के साथ, मोसाद सीआईए के बाद पश्चिम में दूसरी सबसे बड़ी जासूसी एजेंसी मानी जाती है। डेविड “दादी” बार्निया को साल 2021 के जून में मोसाद प्रमुख के रूप में योसी कोहेन के उत्तराधिकारी बने थे, जो कि उन्हें एक गोपनीय प्रक्रिया के रूप से चुना गया था, जिसकी जानकारी सिर्फ इजरायली प्रधानमंत्री के कार्यालय, एजेंसी और सिविल सेवा सलाहकार समिति में केवल कुछ ही चुनिंदा लोगों को थी।

मोसाद के कई विभागों में बटा हुआ हैं, लेकिन इसकी आंतरिक संरचना की ज्यादातर जानकारी पर पर्दा है। इसका न केवल फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों के अंदर, बल्कि लेबनान, सीरिया और ईरान जैसे शत्रु देशों में भी मुखबिरों और एजेंटों का एक नेटवर्क फैला हुआ है। ख़ुफ़िया एजेंसी के विशाल जासूसी नेटवर्क उन्हें उग्रवादी नेताओं की गतिविधियों की गहन जानकारी प्रदान करता है। जिससे वे आवश्यकता पड़ने पर सटीक कार्रवाई को अंजाम दे सकें।

मोसाद खुफिया एजेंसी के विभाग

मोसाद का कलेक्शन डिपार्टमेंट सबसे बड़ा डिवीजन माना है, जो दुनिया भर में जासूसी अभियानों के लिए जिम्मेदार है।
राजनीतिक कार्रवाई और संपर्क विभाग राजनीतिक गतिविधियों का संचालन करता है और मित्रवत विदेशी खुफिया सेवाओं और उन देशों के साथ कार्य करता है, जिनके साथ इज़राइल के औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं।

  • स्पेशल ऑपरेशंस डिवीजन जिसे मेत्साडा के नाम से जाना जाता है, यह अत्यधिक संवेदनशील मिशन, अर्धसैनिक और मनोवैज्ञानिक युद्ध अभियान चलाता है।
  • एलएपी (लोहामा साइकोलोगिट) विभाग मनोवैज्ञानिक युद्ध, प्रचार और धोखे के संचालन के लिए कार्य करता है।
  • अनुसंधान विभाग दैनिक स्थिति रिपोर्ट व साप्ताहिक सारांश और विस्तृत मासिक रिपोर्ट के साथ ही खुफिया जानकारी भी तैयार करता है।
  • प्रौद्योगिकी विभाग मोसाद संचालन का समर्थन करने के लिए उन्नत तकनीक को विकसित करता है।

हमले में कैसे विफल रहा मोसाद?

जब बाहरी हमलों के विफल होने की बात आती है तो इज़राइल और मोसाद की त्रुटिहीन सफलता दर ने शनिवार को हमास के हमले की भविष्यवाणी करने में विफलता को ज्यादा ही दबावपूर्ण बना दिया है। इस बात पर कई सवाल उठाए गए हैं कि कैसे हमास इजरायली खुफिया जानकारी के बिना ही घर के इतने करीब हजारों रॉकेट और मिसाइलों को जमा करने में सफल रहा या फिर कहें इजरायल की विश्वसनीय आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली गाजा से आने वाले सभी प्रोजेक्टाइल को रोकने में असमर्थ क्यों थी?

गाजा-इज़राइल की सीमा पर कैमरे, ग्राउंड-मोशन सेंसर और नियमित सेना गश्त के साथ ही उच्च तकनीक सुरक्षा उपायों के बावजूद भी हमास के घुसपैठ का हमला सफल रहा। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक बुलडोजर को इज़राइल-गाजा सीमा को चिह्नित करने वाली अभेद्य ‘लोहे की दीवार’ के एक हिस्से को तोड़ते हुए नजर आया। हमले का पैमाना जितना बड़ा और जटिलता के साथ अंजाम दिया गया और इसके लिए जिस समन्वय या कहें महीनों की योजना की आवश्यकता रही होगी, वह इस बात पर गंभीर सवाल करती है कि इज़राइल की लगभग पूर्ण खुफिया एजेंसी को इसकी थोड़ी भी भनक न लगी।

वहीं कुछ लोगों ने तो इसकी तुलना न्यूयॉर्क में 9/11 के हमलों से भी किया है, जिसने न केवल सीआईए बल्कि सामान्य तौर पर वैश्विक खुफिया नेटवर्क पर प्रतिक्रिया भी व्यक्त की है।

ये भी पढ़े-

Himanshu Pandey

इंडिया न्यूज में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर काम कर रहा हूं। ऑफबीट सेक्शन के तहत काम करते हुए देश-दुनिया में हो रही ट्रेंडिंग खबरों से लोगों को रुबरु करवाना ही मेरा मकसद है। जिससे आप खुद को सोशल मीडिया की दुनिया से कटा हुआ ना महसूस करें ।

Recent Posts

Delhi: दिल्ली के बुराड़ी में बड़ा हादसा, फैक्ट्री में आग लगने से 5 लोग घायल

India News (इंडिया न्यूज),Delhi News: दिल्ली में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट की खबर…

18 minutes ago

किशनगंज में दीवार गिरने से 3 लोगों की मौत,ताश खेलने के दौरान हुआ हादसा

India News (इंडिया न्यूज),Wall Collapse In Kishanganj: किशनगंज में दीवार गिरने से 3 लोगों की…

31 minutes ago

Delhi: होटल रूम का दरवाजा खोलते ही मच गई खलबली, दोस्त ने गुरुग्राम में की आत्महत्या

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Crime: पश्चिम विहार इलाके के 1 होटल से लड़की का शव…

54 minutes ago

जयपुर अग्निकांड में घायलों की मदद करने वालों की होगी पहचान, CCTV खंगालने के लिए टीम गठित ; जानिए वजह

India News (इंडिया न्यूज़),Jaipur Fire Accident: राजस्थान के जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह भीषण आग…

1 hour ago

MP सरकार पर उठाए सवाल, शाजापुर गोलीकांड के पीड़ित परिवार से मिले दिग्विजय सिंह

India News (इंडिया न्यूज),MP Politics: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह रविवार को MP के…

1 hour ago