India News (इंडिया न्यूज), Muhammad Yunus meets Joe Biden: कई बार शब्दों से ज्यादा एक्शन बहुत कुछ कह जाते हैं। कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है बांग्लादेश में। बीते कुछ महीनों में जो हुआ उसे देखकर पूरी दुनिया आज भी हैरत में है। तख्तापलट, देश के प्रधानमंत्री को अपना देश छोड़कर भागना पड़ा। लेकिन इन सब के बीच में सबके मन में एक ही सवाल था की क्या इसके पीछे सिर्फ उन लोगों का हाथ था जिनके हाथों में इस वक्त सत्ता की बागडोर है। असली मास्टरमाइंड कहीं वह देश तो नहीं जिनका इस तख्तापलट से सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। अचानक से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने सारे राज से पर्दा उठा दिया। उस तस्वीर से पता चला कि आखिर बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस किसके इशारों पर नाच रहे हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार मंगलवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन से उन्होंने मुलाकात की। यह मुलाकात का कई महीनों में कई सारे सवालों के जवाब देने के लिए काफी है। बाइडन ने जिस गर्म जोशी के साथ मोहम्मद यूनुस को अपने सीने से लगाए उससे साफ पता चलता है कि आखिर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना घर और अपना देश क्यों छोड़ना पड़ा।
छोड़ना पड़ा अपना देश
याद हो कि शेख हसीना ने एक बार कहा था कि बांग्लादेश में उनके खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के पीछे मजबूत देश अमेरिका का हाथ है। हसीना ने अमेरिका पर तख्ता पलट के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया था। विरोध प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश को छोड़ना पड़ा।
जहां एक तरफ हसीना पूरी दुनिया के किसी भी देश में शरण लेने की आस लिए भारत पहुंच गई। जब हसीना देश से बाहर निकली तो उधर बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी काम चलाओ सरकार ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। अमेरिका और यूनुस की जुगलबंदी देखते बन रही है। मोहम्मद यूनुस ने पहले तो 15 सितंबर को ढाका में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। इसके बाद अब इधर बाइडन ने इतने गर्म जोशी के साथ यूनुस का स्वागत किया की देखने से साफ लग रहा था कि और बांग्लादेश में अमेरिकी दखल की तरफ कितनी गहराई से इंवॉल्व है।
जादू की झप्पी पर क्या बोले यूनुस
बाइडन और यूनुस की मुलाकात को लेकर बांग्लादेश की तरफ से भी बयान सामने आए हैं जिसमें यह साफ बताया गया है कि अमेरिका की ओर से बांग्लादेश के अंतरिम सरकार को पूरा सपोर्ट देने का वादा किया गया है। प्रेस नोट की माने तो यूनुस ने बांग्लादेश को दोबारा मजबूती से खड़ा होने में अमेरिका से मदद की उम्मीद लगाई है और बाइडन के सामने अपनी बात रखी है कि कैसे छात्रों ने पिछली सरकार की अत्याचार के खिलाफ आवाजउठाई। प्रेस नोट में इस बात का भी जिक्र है कि जो बिडेन कहते हैं कि अगर छात्र अपने देश के लिए इतना बलिदान कर सकते हैं तो उन्हें भी और अधिक करना चाहिए। लगे हाथ यह भी जान लीजिए कि बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद ऐसा पहली बार था जब मोहम्मद यूनुस अमेरिका पहुंचे।
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