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India News (इंडिया न्यूज), Nepali PM China Visit: इन दिनों भारत के इंटरनेशनल रिश्तों को लेकर जबरदस्त चर्चाएं हैं। इस बीच कुछ देशों के नेता, भारत से जलनखोरी दिखाते हुए ऐसे-ऐसे कारनामे कर रहे हैं, जिनके बारे में सुनकर दुनिया हैरान रह जाती है। कनाडा के बाद हाल ही में एक कारनामा नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली (KP Oli) ने भी कर डाला है, उन्होंने चीन के साथ मिलकर भारत के खिलाफ चालबाजी शुरू कर दी है। ओली पहले ही भारत विरोधी बातें करने की वजह से आलोचनाएं झेल चुके हैं। उन्होंने सत्ता में वापसी करते ही फिर से वही काम शुरू कर दिया है।
दरअसल, नेपाल के नए पीएम केपी ओली जल्द ही चीन जाने वाले हैं। बताया जा रहा है कि ओली दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में ही ये यात्रा करेंगे। हालांकि, इसके बारे में अभी तक कोई भी ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं हुआ है। दावा किया जा रहा है कि केपी ओली और जिनपिंग के बीच कुछ खिचड़ी पक रही है। दिलचस्प बात ये भी है जी जहां एक तरफ केपी ओली भारत विरोधी बातें करने के लिए बदनाम हैं, वहीं दूसरी तरफ ब्रिक्स के दौरान जिनपिंग ने व्लादिमीर पुतिन के प्रेशर में आकर भारत के प्रधानमंत्री से दोस्ती कर ली है।
बता दें कि केपी ओली 4 महीने पहले ही नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं और भारत की ओर से पुरानी परंपरा निभाने के लिए उन्हें कोई न्योता नहीं भेजा गया था। ये परंपरा कुछ ऐसी ही कि पड़ोसी देश नेपाल में जो भी नया प्रधानमंत्री बनता है, वो सबसे पहले भारत की यात्रा जरूर करता है लेकिन इस बार पीएम मोदी ने उन्हें भाव नहीं दिया। बताया जा रहा है कि इसके पीछे की वजह ओली के भारत विरोधी कदम और बयान हैं। वो जब पिछली बार सत्ता में आए थे तब उन्होंने नेपाल का विवादित नक्शा छपवाया था, जिसमें भारत के तीन इलाके नेपाल में ले लिए गए थे। इसके अलावा उन्होंने ये बयान देकर हलचल मचा दी थी कि ‘असली अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि नेपाल में है’।
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