संबंधित खबरें
Imran Khan को लगा बड़ा झटका, परिवार के इस सदस्य को हुई 10 साल की सजा
चीन में मुर्दाघर के मैनेजर की निकली वैकेंसी, लेकिन नैकरी मिलने से पहले करना होगा ये डरावना काम, शर्त और सैलरी जान उड़ जाएगी होश
क्रिसमस में बांग्लादेश ने ईसाइयों के साथ किया ये घिनौना काम, जान कांप जाएगी रूह…दुनिया भर में मचा हंगामा
भारत में बैठी Sheikh Hasina ने बांग्लादेश में किया खेला? अचानक सचिवालय में लगी भीषण आग.. जलकर राख हो गए अवामी लीग के भ्रष्टाचार से जुड़े कागजात
इंटेलिजेंस एजेंसी के साथ मिलकर मोहम्मद यूनुस ने रची बड़ी साजीश, खुलासे के बाद देश भर में मचा हंगामा, क्या एक बार फिर बांग्लादेश में होने वाला है कुछ बड़ा ?
2050 तक भारत में होंगे सबसे ज्यादा मुसलमान! रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, जानें कितनी होगी हिन्दुओं की संख्या
India News (इंडिया न्यूज़), Nepal CAA, काठमांडू: नेपाल के राष्ट्रपति, रामचंद्र पौडेल ने नेपाल नागरिकता अधिनियम, 2063 में संशोधन करने के लिए तैयार किए गए विधेयक को अपनी सहमति दे दी है। इस बिल को मंजूरी तब मिली नेपाल के पीएम पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ भारत के दौरे पर है।
संसद द्वारा विधेयक को पास करने के 8 महीने बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली है। नेपाल के संविधान के अनुच्छेद (2), (3), (4) और अनुच्छेद 66 के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत के आधार पर इसें मंजूरी दी है।
संसद के दोनों सदनों ने नेपाल नागरिकता (प्रथम संशोधन) विधेयक पारित किया था जिसे नेपाल नागरिकता अधिनियम, 2063 में संशोधन के लिए बनाया गया था। विधेयक को 31 जुलाई, 2022 को सदन में पेश किया गया था लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने इसे वापस कर दिया था। सुझावों के साथ दो बार बिल को राष्ट्रपति ने वापस कर दिया था।
नागरिकता विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर के साथ, लगभग 4,00,000 लोगों को राज्य पहचान पत्र दिया जाना जरुरी हो गया है। नेपाली पुरुषों से शादी करने वाली विदेशी महिलाओं को नेपाल में नागरिकता नहीं मिलने की समस्या का सामना करना पड़ता था, जिन्हें प्राकृतिक नागरिकता प्राप्त करने के लिए सात साल तक इंतजार करना पड़ा। अब उन्हें नागरिकता और राजनीतिक अधिकार तुरंत मिल जाएगा।
इस विधेय़क के पास होने के बाद नेपाल के पड़ोसी चीन को मिर्ची लग गई है। भारत के बाद सबसे ज्याद तिब्बती नेपाल में रहते है। चीन का कहना था कि इस कानून के पास होने से तिब्बती शरणार्थियों को नेपाली नागरिकता और संपत्ति का अधिकार मिल सकता है। ऐसे में तिब्बती लोग भी नेपाल के नागरिक बन जाएंगे। चीन के कारण ही यह विधेयक अभी तक टाला जा रहा था। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की हमेशा प्राथमिकता रही है कि तिब्बती शरणार्थी समुदाय पर नियंत्रण हो।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.