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Nijjar Killing: निज्जर हत्याकांड पर भारतीय उच्चायुक्त का सवाल, पूछा-सबूत कहां है?

Mudit Goswami • LAST UPDATED : November 5, 2023, 11:53 am IST

India News (इंडिया न्यूज़), Nijjar Killing: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ होने की बात करने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से भारतीय उच्चायुक्त ने सवाल किया। उन्होंने निज्जर की हत्याकांड में भारत सरकार को जोड़ने के आरोपों को लेकर कनाडा को सबूत पेश करने को कहा है।

बता दें कि इसी साल जून में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की एक गुरुद्वारा की पार्किंग में हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों के शामिल होने का आरोप लगाया। इस मामले पर पैदा तनाव के बाद भारत ने कनाडा के राजनयिक उपस्थिति में समानता का हवाला देते हुए अपने कर्मचारियों को कम करने के लिए कहने के बाद कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस ले लिया।

एक इंटरव्यू में भारतीय उच्चायुक्त वर्मा ने कहा कि निज्जर की हत्या की कनाडा की पुलिस जांच को एक उच्च स्तरीय कनाडाई अधिकारी के सार्वजनिक बयानों से नुकसान हुआ है। वर्मा ने जोर देकर कहा कि जांच में उनकी मदद के लिए इस मामले में हमें कोई विशिष्ट या प्रासंगिक जानकारी प्रदान नहीं की गई है।

कहा- सबूत कहां है?

भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने आगे कहा कि इस मामले में ‘सबूत कहां है? जांच का निष्कर्ष कहां है? उन्होंने कहा कि मैं एक कदम आगे बढ़कर कहूंगा कि अब जांच पहले ही दागदार हो चुकी है। उच्च स्तर पर किसी से यह कहने का निर्देश आया है कि इसके पीछे भारत या भारतीय एजेंट हैं।

उच्चायुक्त ने जानकारी दी कि कैसे देश में उनके और अन्य भारतीय राजनयिक कर्मचारियों के लिए सुरक्षा खतरे पैदा हो गए हैं। उन्होंने इस दौरान नफरत फैलाने की बात भी कही। उन्होने भारतीय महावाणिज्य दूत पर हमला करने वाले पोस्टरों की तस्वीरों का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि यह नफरत फैलाने वाला भाषण है और हिंसा को उकसाने वाला है। मैं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। मैं अपने कौंसल जनरलों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। भगवान न करे अगर कुछ हो गया तो।’

आरोपों को किया खारिज

इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि रिपोर्टों में कहा गया था कि ओटावा को भारतीय राजनयिकों को खुफिया जानकारी भेजी गई थी, जिसे कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने पकड़ लिया था। इसके जवाब पर वर्मा ने इनको सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि राजनयिकों के बीच कोई भी बातचीत सुरक्षित है और इसे अदालत में सबूत के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है या सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया जा सकता है।

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