Chabahar Port
इंडिया न्यूज, तेहरान:
15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद ईरान के चाबहार पोर्ट पर बहुत बुरा असर पड़ा था और यहां से आने वाले जहाजों को डायवर्ट किया गया था जिससे भारत भी प्रभावित हुआ था। लेकिन अब फिर से चाबहार पोर्ट का संचालन पूरे तरीके से हो गया है और अब यहां स्थिति सामान्य हो गई है।
इस पोर्ट को भारत ने तैयार किया है। तालिबान ने यहां पर कोई भी अनहोनी न होने का आश्वासन दिया है जिसके बाद यहां ट्रैफिक में फिर से बढ़ोत्तरी हो रही है। तालिबान ने कहा है कि वह भारत के साथ अच्छे राजनयिक और व्यापारिक संबंध चाहता है, इसलिए क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार को सुगम बनाने के लिए पोर्ट की भूमिका का समर्थन करेगा।
जानकारी के लिए बता दें कि चाबाहार पोर्ट का एक टर्मिनल रूस, कतर, रोमानिया और आस्ट्रेलिया से आने वाले कार्गो शिप को संभाल रहा है। इनमें जौ, गेहूं और मक्का जैसे अनाज ट्रांसपोर्ट किए जा रहे हैं। मध्य एशियाई देशों के लिए यह पोर्ट भारत और ग्लोबल मार्केट तक पहुंचने का आसान, सस्ते और सेफ रास्ता माना जाता है। इस पोर्ट के जरिए ट्रेड में भारत की भूमिका काफी अहम रही है। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद यहां ट्रेड में कमी आई थी। वहीं अब भारत और रूस से आने वाले शिप्स के ट्रैफिक में इजाफा हुआ है।
व्यापार के लिए वैकल्पिक रास्ता
बता दें कि चाबहार पोर्ट सीधा ओमान की खाड़ी से जुड़ता है। यह पोर्ट भारत और अफगानिस्तान को व्यापार के लिए वैकल्पिक रास्ता मुहैया कराता है। 2018 में ईरान और भारत ने चाबहार बंदरगाह तैयार करने का समझौता किया था। इसमें अमेरिका की भी भूमिका रही। दरअसल, इस बंदरगाह के लिए हुए समझौतों को लेकर अमेरिका ने भारत को कुछ खास प्रतिबंधों में छूट दी है।
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