India News(इंडिया न्यूज),Paatal Lok Blobs: विज्ञान के लगातार प्रगति से कई सारे वायूमंडल और सौरमंडल के छूपे हुए राज लगातार सामने आते रहे है। वहीं इन सबके बीच वैज्ञानिकों का एक नया दावा सामने आया है कि जो कि हैरान करने वाला है। जानकारी के लिए बता दें कि, वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है कि, एक अफ्रीका तो दूसरा दक्षिण-प्रशांत महासागर के नीचे मौजूद है। ये खबर आने के बाद विज्ञान जगत में मानो हरकंप सा मच गया है। हलाकि 1970 के दशक में भूकंप विज्ञानियों ने इसका पता लगाया था। यह ब्लॉब अपने आसपास मौजूद किसी भी वस्तु की तुलना से ज्यादा ठोस हैं।
वहीं बात अगर जारी रिपोर्ट की करें तो, ये ब्लॉब उस समय बने थे जब हमारी धरती का निर्माण हो रहा था। इतिहास में जाकर झांके तो पता चलता है कि यह उस समय की बात है जब प्राचीन धरती की टक्कर मंगल ग्रह के आकार ग्रह थीया से हुई थी। इसी टक्कर के बाद धरती का चंद्रमा बना था। बता दें कि, यह शोध चीन, अमेरिका और इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने मिल कर किया है।
इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि, हमारे चंद्रमा के अंदर थीया के गुण, रसायन, पत्थर, मिट्टी आदि होगी। लेकिन एक सवाल जो मजबूती के साथ सामने आया कि, पृथ्वी के अंदर मौजूद दो पाताल लोकों की संरचना कैसे हुई? ये दो ब्लॉब मैंटल के नीचे 2900 किलोमीटर की गहराई में मौजूद हैं। जिसके बारे में चाइनीज अकेडमी ऑफ साइंसेस की शंघाई एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी के साइंटिस्ट हॉन्गपिंग डेंग ने बताया कि, दोनों ब्लॉब धरती के निर्माण के दौरान ही बना था।
ज्ञात हो कि, धरती 450 करोड़ सालों से लगातार विकास की राह पर है, यह हर दिन इवॉल्व हो रही है। जिसके बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि, यह ब्लॉब ने हमारी धरती के कोर चारों तरफ से घेर रखा है। जिसे वैज्ञानिक लार्ज लो-शीयर-वेलोसिटी प्रोविंस (LLVPs) का पता ये चला। प्राचीन टेक्टोनिक स्लैब हो सकते हैं, जो अत्यधिक ऊर्जा से भरे पड़े हैं. हाल ही में प्रकाशित नेचर जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार धरती के वजन का सिर्फ 2-3 फीसदी हिस्सा ही थीया के पदार्थों से बना है। लेकिन दोनों पाताल लोक का घनत्व उसके आसपास मौजूद पदार्थों से 2 से 3.5 गुना ज्यादा घना है।
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