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ट्रंप के शपथ लेने से पहले ही क्यों थर-थर कांप रहा पाकिस्तान? ये पड़ोसी मुल्क भी कच्चा चबाने को तैयार, 2025 में कैसे बचेगा पाक?

BY: Deepak • LAST UPDATED : January 9, 2025, 2:00 pm IST
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ट्रंप के शपथ लेने से पहले ही क्यों थर-थर कांप रहा पाकिस्तान? ये पड़ोसी मुल्क भी कच्चा चबाने को तैयार, 2025 में कैसे बचेगा पाक?

Pakistan 2025 Foreign Policy

India News (इंडिया न्यूज), Pakistan 2025 Foreign Policy: विदेश नीति और सुरक्षा के लिहाज से साल 2025 पाकिस्तान के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित होने वाला है। इस साल पाकिस्तान के सामने कई चुनौतियां हैं। मसलन राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझ रहे पाकिस्तान को अपने पड़ोसी देशों अफगानिस्तान और भारत के साथ रिश्ते सुधारने, चीन के साथ रिश्ते बनाए रखने और अमेरिका के साथ रिश्तों को संतुलित करने की जरूरत होगी।

विशेषज्ञों की मानें तो तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ता गया है। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को इन रिश्तों को सुधारने के लिए गंभीर प्रयास करने की जरूरत है, क्योंकि इसका क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा असर पड़ने की संभावना है।

भारत के साथ संबंध

भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते भी तनावपूर्ण रहे हैं। दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दा और सीमा विवाद हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है। 2025 में पाकिस्तान के लिए भारत के साथ बातचीत की प्रक्रिया को फिर से शुरू करना अहम होगा।

ट्रंप की वापसी का पाकिस्तान पर प्रभाव

डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में राष्ट्रपति के तौर पर वापसी पाकिस्तान के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकती है। ट्रंप की चीन विरोधी नीतियां पाकिस्तान के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं, क्योंकि पाकिस्तान चीन के साथ अपने गहरे रिश्तों के लिए जाना जाता है।

चीन के साथ भी बढ़ रहा तनाव

चीन ने पाकिस्तान में भारी निवेश किया है, खास तौर पर सीपीईसी परियोजना के तहत। हालांकि, सुरक्षा मुद्दों पर चीन पाकिस्तान से निराश है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ सकता है। यह स्थिति अमेरिका के लिए फायदेमंद हो सकती है, जिससे पाकिस्तान के लिए नए समीकरण बन सकते हैं।

अमेरिका का साथ संभालना मुश्किल

नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के हसन अब्बास के मुताबिक, अमेरिका के साथ अपने संबंधों को बनाए रखना पाकिस्तान के लिए चुनौती है। अफगानिस्तान से अमेरिका के हटने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध कमजोर हुए हैं। नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के हसन अब्बास के मुताबिक, पाकिस्तान को अमेरिका के साथ अपने संबंधों को सावधानी से आगे बढ़ाने की जरूरत है।

अमेरिका के लिए फिलहाल रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम का संकट ज्यादा अहम है। कामरान बुखारी के मुताबिक, अमेरिका के लिए पाकिस्तान कम प्राथमिकता वाला देश है, लेकिन पाकिस्तान को अपने पत्ते सावधानी से खेलने होंगे।

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पाकिस्तान के आगे बड़ी चुनौतियां

स्टिमसन सेंटर के क्रिस्टोफर क्लेरी का मानना ​​है कि 2025 में पाकिस्तान को विदेश नीति और सुरक्षा के मोर्चे पर कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पाकिस्तान को अफगानिस्तान और भारत के साथ रिश्ते सुधारने, चीन के साथ रिश्ते संभालने और अमेरिका के साथ संतुलन बनाए रखने में सावधानी बरतनी होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान इन चुनौतियों का सामना कैसे करता है और क्या नए समीकरण बनते हैं।

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