Pakistan Missing Girl: पाकिस्तान (Pakistan) में एक मासूम लड़की पूरे 17 साल बाद अपने परिवार से वापस मिली. इस कहानी ने बॉलीवुड के भाईजान सलमान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान‘ की याद दिला दी. इस कहानी का अंत बिल्कुल वैसा था, जैसे फिल्म का क्लाइमेक्स या आखिरी एपिसोड हो. हालांकि, बच्ची को परिवार से मिलाने के लिए कोई एक्टर नहीं बल्कि AI है. जिसने एक पुरानी गुमशुदगी रिपोर्ट, चेहरे पहचानने वाला सॉफ्टवेयर और एआई की पावर का इस्तेमाल कर किरण को उसके परिवार से मिलवा दिया.
17 साल बाद परिवार से मिली किरन
किरन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि “17 साल पहले वह मैं रास्ता भूल गई थी और खूब रो रही थी. लेकिन एक नेकदिल औरत मुझे इस्लामाबाद के ईधी शेल्टर होम ले गईं. उस समय मुझे अपना घर नहीं याद था. वह साल 2008 में आइसक्रीम खाने के लिए घर से बाहर निकली थी. लेकिन उसे नहीं पता था कि वह वापस परिवार के पास नहीं लौट पाएगी.“
कई बार परिवार को खोजने की हुई कोशिश
दिवंगत अब्दुल सत्तार इधी की पत्नी और इधी फाउंडेशन की सह संस्थापक बिलकीस इधी कुछ समय बाद उसे कराची लेकर आ गई थीं. उस दिन से किरन कराची के ही इधी होम में रह रही थीं. उसकी देखभाल बिलकीस ने की. मौजूदा चेयरमैन फैसल इधी की पत्नी सबा इधी ने कहा कि ‘कई बार किरन को इस्लामाबाद लेकर जाता गया, लेकिन उसके माता-पिता को ढूंढा नहीं जा सका.
AI ने की बड़ी मदद
इस साल फाउंडेशन ने पंजाब के सेफ सिटी प्रोजेक्ट में काम कर रहे साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञ नबील अहमद से ताल्लुक किया. सबा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, नबील को किरन की हाल की तस्वीर, बचपन की तस्वीर और सभी जानकारी दी गई. नबील ने एक पुरानी मिसिंग गर्ल रिपोर्ट ढूंढी और AI, फेस रिकग्निशन और ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर तीनों के मदद लेकर किरन के परिवार को खोज लिया.
परिवार में खुशी का माहौल
किरन के पिता अब्दुल मजीद दर्जी हैं. वह कुछ दिनों बाद कराची पहुंचे और अपने बेटी को वापस घर ले आए. परिवार में खुशी का माहौल है. किरण काफी ज्यादा खुश है. किरन के पिता ने कहा कि “उन्होंने किरन को कई सालों तक खोजने की कोशिश की. इसके लिए उन्होंने अखबारों की भी मदद ली. लेकिन किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मिल सकी. हम उम्मीद ही छोड़ चुके थे. लेकिन तभी अधिकारियों ने 17 साल बाद बताया कि उनकी बेटी मिल गई है.“