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India News(इंडिया न्यूज),Pakistan News:पाकिस्तान लगातार से अपनी हरकतों के कारण चर्चा में रहा है। जिसके बाद एक और अजीबोगरीब खबर सामने आ रही है जिसे सुनकर सभी हैरान हो गए है। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, बन्नू में एक कॉलेज प्रोफेसर को डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत की निंदा करने के लिए मजबूर किया गया। जिसके बाद पूरे दक्षिण एशियाई देश में शिक्षाविदों के बीच चिंता की लहर पैदा हो गई। सोशल मीडिया पर जारी वीडियो के अनुसार, बन्नू के सरकारी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में एक कोर्स के हिस्से के रूप में डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को पढ़ाने वाले जूलॉजी के सहायक प्रोफेसर शेर अली मौलानाओं से घिरे हुए है।
گلیلیو کی طرح پروفیسر شیر علی نے عقلمندی سے کام لیا اور ڈارون تھیوری کے مطابق (survival of the fittest) پر عمل کرکے درندگی سے اپنی بچی کچھی قیمتی زندگی (پروفیسر شیر علی اپنی گاڑی میں نصب شدہ بم کے نتیجے میں بچ گئے ہیں اور پاؤں کا کچھ حصہ کھو چکے ہیں) کو بچا لیا۔ pic.twitter.com/77pYfvluNp
— Niazbeen (@niazbeen93) October 19, 2023
डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को पढ़ाने के बाद विरोध होने पर प्रोफेसर ने तीन पन्नों का नोट पढ़ा जिसमें कहा गया था कि ‘सभी वैज्ञानिक और तर्कसंगत विचार, जो डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत सहित इस्लामी शरिया के विरोधाभासी हैं झूठे हैं। इसके साथ ही महिलाएं पुरुषों से कमतर हैं। इसके आगे प्रोफेसर अली ने माफीनामे में आगे पढ़ा कि ‘शरीयत द्वारा निर्धारित ज्ञान के संदर्भ में और घोषित किया गया है कि महिलाओं को पुरुषों के साथ अनावश्यक रूप से घुलने-मिलने की अनुमति नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, पारंपरिक इस्लामिक ड्रेस कोड का पालन किए बिना सार्वजनिक रूप से दिखाई देने वाली महिलाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के जवाब में शिक्षक ने इस्लाम में महिलाओं के अधिकारों पर भाषण दिया था। जिसके बाद पाकिस्तानी मौलवियों ने प्रोफेसर अली पर न केवल अपने भाषण में बल्कि अपने विश्वविद्यालय के कोर्स के दौरान भी अय्याशी फैलाने और इस्लाम के खिलाफ बोलने का आरोप लगाया। जिसके बाद प्रोफेसर ने तर्क दिया कि, डार्विन के सिद्धांत सहित उनकी शिक्षण सामग्री, शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित है और विद्वानों को कोई समस्या है, तो उन्हें इसके बजाय कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
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