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India News(इंडिया न्यूज),Pakistan: पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले पाकिस्तान सरकार एक्शन में आती हुई नजर आ रही है। जहां पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी अधिकारियों ने सोमवार को प्रतिबंधित आतंकवादी गुट, पाकिस्तानी तालिबान से जुड़े लगभग दो दर्जन सदस्यों की गिरफ्तारी की घोषणा की। जानकारी के लिए बता दें कि, यह समूह देश भर में कई घातक हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। पाकिस्तान आतंकवादी विरोधी एजेंसी ने खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए, ये गिरफ्तारियां पिछले एक पखवाड़े के दौरान पूर्वी पंजाब प्रांत के भीतर की गईं, जैसा कि प्रांतीय आतंकवाद विरोधी विभाग के एक बयान में बताया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि, पाकिस्तानी तालिबान, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी के रूप में भी जाना जाता है, विशिष्ट रूप से संचालित होता है, लेकिन अफगान तालिबान के साथ गठबंधन बनाए रखता है, जिसने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया, जो कि अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी के अंतिम चरण के साथ मेल खाता है।
वहीं अधिकारियों के द्वारा दिए गए बयान में ये खबर भी सामने आ रही है कि, पाकिस्तान के इस एक्शन में मोहम्मद अरशद की गिरफ्तारी होने की खबर सामने आ रही है। जो कथित तौर पर प्रतिबंधित बलूच नेशनलिस्ट आर्मी का मुख्य कमांडर था, जो मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय था। बलूचिस्तान बीस वर्षों से अधिक समय से बलूच राष्ट्रवादियों द्वारा रुक-रुक कर विद्रोह का स्थल रहा है।
मिली जानकारी के लिए बता दें कि, प्रारंभ में प्रांतीय संसाधनों के अधिक न्यायसंगत वितरण की वकालत करते हुए, विद्रोह बाद में स्वतंत्रता की खोज की ओर विकसित हुआ। इस क्षेत्र में बलूच राष्ट्रवादियों के अलावा टीटीपी और कई अन्य स्थानीय आतंकवादी समूह भी काम करते हैं। रविवार को मीडिया रिपोर्टों से पता चला कि अफगान तालिबान के एक वरिष्ठ नेता आने वाले महीने में इस्लामाबाद आने की योजना बना रहे हैं, जबकि एक प्रमुख पाकिस्तानी मौलवी का काबुल जाने का कार्यक्रम है। इस प्रयास का उद्देश्य प्रतिबंधित आतंकवादी समूह टीटीपी से संबंधित द्विपक्षीय तनाव को कम करना है।
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