इंडिया न्यूज, काबुल: अफगानिस्तान में शासित तालिबान सरकार ने अल जवाहिरी की मौत का ठीकरा पाकिस्तान के सिर फोड़ा है। तालिबान ने दावा किया है कि पाकिस्तान की सीमा से ही अमेरिकी ड्रोन उड़ते हैं। अल जवाहिरी को मौत के घाट उतारने वाला ड्रोन भी अमेरिका ने पाकिस्तान से उड़ाया था। इसके साथ ही तालिबान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सीमा में अमेरिकी बेस है।

जहां से उनके खिलाफ अपनी कार्रवाई को अमेरिका संचालित कर रहा है। अफगानिस्तान में तालिबानी रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान-अमेरिका के साथ मिलकर हमारे खिलाफ साजिश रचता है जिसके लिए पाकिस्तान को अमेरिका से मोटा पैसा मिलता है।

पाकिस्तान के रास्ते अमेरिका कर रहा घुसपैठ

मुजाहिद ने काबुल में मीडिया से बातचीत के दौरान यह आरोप लगाया कि अमेरिका पाकिस्तान के सहयोग से अफगानिस्तान में घुसपैठ कर रहा है। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई को जिस अमेरिकी ड्रोन ने अल जवाहिरी पर हमला किया वह पाकिस्तान से ही संचाहित किया गया था।

वहीं मुजाहिद ने कहा कि हमारी खुफिया एजेंसी के पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि आईएसआई के सहयोग से ही सीआईए अफगानिस्तान में अपने टारगेट हिट कर रही है। इसके लिए पाकिस्तानी सेना को अमेरिका से डॉलर मिल रहे हैं। मुजाहिद ने कहाकि हमने पाकिस्तानी सरकार और सेना को इस तरह की गतिविधियां तुरंत बंद करने के लिए कहा है।

अमेरिका ने किया था ये दावा

ज्ञात रहे कि 31 जुलाई 2022 को अमेरिका ने यह दावा किया था कि अल-कायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी को काबुल में एक ड्रोन हमले में मार गिराया है। यह हमला सुबह उस समय किया गया बताया जाता है जब अल जवाहिरी अपने घर की बालकनी में घूम रहा था। अमेरिका ने यह भी दावा किया कि अफगानिस्तान में तालिबान का शासन स्थापित होने के बाद से जवाहिरी काबुल में रह रहा था। दूसरी तरफ तालिबान ने जवाहिरी की मौत पर कहा था कि उसकी डेड बॉडी नहीं मिली।

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