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Pakistan: बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा पाकिस्तान, भारत ने किया रावी जल का प्रवाह बंद

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : February 27, 2024, 12:10 pm IST

India News (इंडिया न्यूज),Pakistan: ‘अटैक ऑफ़ हिंदुस्तान, प्यासा पाकिस्तान’

बम बरसे, पर पाकिस्तान पानी को तरसे !

रावी का पानी, ख़त्म पाकिस्तान की कहानी

पाकिस्तान की प्यास, ख़त्म शहबाज़ से आस

पहले ईरान का हमला, अब पानी पर दहला

अबकी बार, पाकिस्तान पर ‘पानी प्रहार’ !

शहबाज़ साहब, तुमसे ना हो पाएगा !

ख़ैरात मांगे पाकिस्तान, क़र्ज़ में हर जान

पाकिस्तान पर पानी का प्रहार हो गया है। जिन्ना के मुल्क़ पर पानी का संकट है। वजह है रावी नदी का पानी रुक जाना। चार दशक से भारत रावी नदी पर बांध बना रहा था। ये बांध बनकर तैयार है, नतीजा ‘शाहपुर कंडी बैराज’ ने रावी नदी का पानी पाकिस्तान के लिए रोक दिया है। साल 1960 में सिंधु जल संधि हुई जिसके तहत रावी, सतलुज और ब्यास के पानी पर भारत का हक़ है, जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब के पानी पर पाकिस्तान का। पाकिस्तान पानी पानी को तरस रहा है और शहबाज़ नई सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।

माफी मांगेंगे इमरान खान

पाकिस्तान की दिक़्क़त ईरान ने भी बढ़ा दी है। 15 दिन में ईरान ने पाकिस्तान पर दो बड़े हमले किए हैं। ईरान का ग़ुस्सा जैश-अल-अदल को लेकर है। जैश-अल-अदल यानी सुन्नी चरमपंथियों का वो समूह जो ईरान के ख़िलाफ़ साज़िश रचता रहा है। जनरल असीम मुनीर को लगा कि नवाज़ लंदन से आएंगे, आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। लेकिन ये हो ना सका, इमरान के लिए उमड़े जनसमर्थन ने पाकिस्तानी फ़ौज के सपनों पर पानी फेर दिया। जेल में क़ैद इमरान ने ऐसा ‘खेला’ किया कि शहबाज़ और बिलावल को सरकार बनाने के लिए साथ आना पड़ा।

नवाज़ की हवा टाईट है। अंदर की ख़बर ये है कि फ़ौज ने नवाज़ की चूड़ी कसी है क्योंकि लंदन से वापस आकर वो कुछ ख़ास कमाल नहीं कर सके। नवाज़ के सामने जनरल आसिम मुनीर ने शर्त रख दी। कहा- ख़ुद वज़ीर-ए-आज़म बनिए या बेटी मरियम को पंजाब प्रांत का CM पद देकर वापस विदेश निकल जाइए। नवाज़ ने दूसरा विकल्प चुना। अंदर की ख़बर तो ये भी है कि फ़ौज ने जेल में क़ैद इमरान से भी डील करने की कोशिश की है। इमरान के सामने जनरल ने शर्त रखी कि मई 2023 की हिंसा के लिए माफ़ी मांगिए और पाकिस्तान के PM बन जाइए। इमरान ने जनरल का ऑफ़र ठुकरा दिया है।

पाकिस्तान में 10 करोड़ लोग हैं ग़रीब 

पाकिस्तान में भुखमरी है, कंगाली-बेरोज़गारी है। 43 फ़ीसदी आबादी ग़रीबी रेखा से नीचे है,10 करोड़ लोग ग़रीब हैं। करोड़ों की रोज़ाना कमाई 290 रुपए से भी कम हैं। आटा, दाल, चावल, पेट्रोल, डीज़ल की क़ीमत आसमान पर है। IMF के क़र्ज़ तले दबे ‘जिन्नालैंड’ का ‘आर्थिक जनाज़ा’ निकल चुका है। कहने के लिए मार्च के पहले हफ़्ते में नई ‘जम्हूरी’ सरकार आएगी, लेकिन बदहाली से मुल्क को पार करा पाएगी इसकी कोई गारंटी नहीं। पाकिस्तान ‘ट्रिपल A’ से चलने वाला मुल्क़ है- ALLAH, ARMY, AMERICA। अल्लाह यानी ईश्वर उसका साथ देता है जिसकी नीयत जनसरोकार की होती है, लेकिन आंतकवाद की पनाहगाह पाकिस्तान की नीयत, सूरत, सीरत और क़िस्मत ही आतंकवाद है। पाकिस्तानी फ़ौज ख़ामोश है, ख़ामोशी का मतलब नया तूफ़ान समझिए। जनरल ख़ामोश होता है तो विध्वंसक फ़ैसले करता है।

पाकिस्तान में ‘इलेक्शन’ नहीं ‘सेलेक्शन’ होता है

आख़िर में उस किरदार की बात जो जीत कर हारा और हार कर जीता। इमरान ख़ान नियाज़ी जेल में हैं, लेकिन खेल में हैं। शहबाज़-बिलावल सरकार की बुनियाद कमज़ोर है। बिलावल परिपक्व नहीं हैं, सनकी बयान देते हैं, कभी भी समर्थन वापस ले कर सरकार की ज़मीन खिसका सकते हैं। ऐसे में पाकिस्तानी फ़ौज इमरान ख़ान को उस ‘पत्ते’ के तौर पर इस्तेमाल करेगी जिसे ‘तुरुप का इक्का’ कहते हैं। जेल में क़ैद इमरान फ़ौज के रहम-ओ-करम पर हैं। पाकिस्तान में ‘इलेक्शन’ नहीं ‘सेलेक्शन’ होता है। फ़िलहाल सेना नवाज़ का सेलेक्शन करना चाहती थी, लेकिन नवाज़ रिजेक्ट हो गए। लिख कर रखिए और दीवार पर लिखी इबारत को ग़ौर से पढ़िए और समझिए। मार्च के पहले हफ़्ते में पाकिस्तान में नई सरकार बनेगी, कुछ महीने बाद सरकार गिरेगी, इमरान जेल के बाहर आएंगे, जिन्नालैंड में नया ट्विस्ट तय है। आवाम का बंटाधार होना हो तो हो, ग़रीबी आए तो आए, आटे को तरसें तो तरसें, जनता फ़ाक़ा करे तो करे- पाकिस्तान की क़िस्मत नहीं बदलेगी क्योंकि हुक्मरानों की नीयत नहीं बदलेगी। कमी पाकिस्तान में नहीं, उसके भाग्विधाताओं में है।

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