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दुनिया के नक्शे से मिट जाता Israel का नामो-निशान, इन ताकतवर लोगों ने बना लिया था पूरा प्लान, जानें फिर क्या हुआ

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : October 1, 2024, 1:06 pm IST
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दुनिया के नक्शे से मिट जाता Israel का नामो-निशान, इन ताकतवर लोगों ने बना लिया था पूरा प्लान, जानें फिर क्या हुआ

Palestine Islamic Jihad: दुनिया के नक्शे से मिट जाता Israel का नामो-निशान

India News ( इंडिया न्यूज), Palestine Islamic Jihad: इजरायल और हमास के बीच खूनी संघर्ष पिछले एक सालों से चल रही है। इस बीच एक संगठन का नाम सामने आया है, जिसका नाम फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (PIJ) है। अमेरिका, यूरोप, इजरायल और दुनिया के कई दूसरे देशों ने इसे आतंकी संगठन की लिस्ट में रखा है। जिस तरह हमास इजरायल को दुनिया के नक्शे से मिटा देना चाहता है, उसी तरह फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद भी यही चाहता है। हमास राजनीति में भी दिलचस्पी रखता है, लेकिन इस संगठन की मंशा सिर्फ और सिर्फ हिंसा के जरिए इजरायल को खत्म करने की है।

कब हुई थी संगठन की स्थापना

फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद की स्थापना का इतिहास कोई 53-54 साल पुराना है। इसके संस्थापक फथी शकाकी और अब्दुल अजीज अवदा थे। दोनों मिस्र में पढ़ाई के दौरान मुस्लिम ब्रदरहुड से काफी प्रभावित थे। इसके बाद में उन्हें लगा कि मुस्लिम ब्रदरहुड फिलिस्तीन को लेकर गंभीर नहीं है, तो उन्होंने उससे संबंध तोड़ लिए और यहीं से PIJ की नींव पड़ी। यह 1970 के आसपास हुआ। इस संगठन की स्थापना का एकमात्र उद्देश्य तब भी दुनिया के नक्शे से इसरायल को मिटाना था और आज भी यही है। यह संगठन शांतिपूर्वक अपना काम करता रहा। खुद को मजबूत करता रहा लेकिन चर्चा में नहीं रहा। 1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद मिस्र ने इस संगठन की सभी गतिविधियों को बंद कर दिया और यही वह समय था जब इसका औपचारिक रूप सामने आया।

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दुनिया से इजरायल को मिटाने की कसम

बता दें कि, पीआईजे कभी राजनीति में भाग नहीं लेना चाहता था। लेकिन इसने एक सशस्त्र बल जरूर खड़ा किया। इसका एकमात्र उद्देश्य इसरायल पर हमला करना है। इसके इरादों को भांपते हुए हमास ने गठबंधन बनाया और लेबनान के हिबुल्लाह ने भी इससे हाथ मिला लिया। कुछ दिनों बाद लेबनान ने भी इसकी गतिविधियों पर रोक लगा दी। फिर इसके नेताओं ने सीरिया में शरण ले ली और दमिश्क से काम करना शुरू कर दिया। अमेरिका समेत कई देश इसके लिए सीरिया से नाराज हैं।

दरअसल, हमास की तरह इसका ट्रेनिंग कैंप भी गाजा में चलता है, जहां लड़ाके तैयार किए जाते हैं। अमेरिका ने कई मौकों पर साफ तौर पर कहा है कि इस संगठन को ईरान से आर्थिक मदद मिलती रही है। सीरिया में ये पहले से ही मौजूद हैं। इस संगठन के मुख्य केंद्र हेब्रिन और जेनिनगर हैं। इसका सशस्त्र समूह अल कुद्स ब्रिगेड के नाम से जाना जाता है।

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अमेरिकी दूतावास को उड़ाने की धमकी

दरअसल, पीआईजे के पास आत्मघाती दस्ते हैं जो इजरायल को खत्म करने के नाम पर खुद को कुर्बान करने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए कई बार इसका निशाना सटीक साबित होता है। इस संगठन ने अमेरिकी दूतावास पर हमला करने की धमकी भी दी है। इनकी मांग यह है कि अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम में स्थानांतरित किया जाए। अमेरिका से दुश्मनी की मुख्य वजह यह है कि वह इजरायल से दोस्ताना संबंध रखता है और दूसरी वजह यह है कि अमेरिका ने पीआईजे के आठ नेताओं को 50 से अधिक आरोपों में दोषी ठहराया और उनमें से एक समी अल अरियन को गिरफ्तार भी किया। पीआईजे के संस्थापक शकाकी की कथित तौर पर 1995 में माल्टा में इजरायली गुप्त एजेंटों ने हत्या कर दी थी। अब रमजान अब्दुल सल्लाह इस संगठन के प्रमुख हैं।

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