India News (इंडिया न्यूज़), Fukushima Wastewater Fears: साउथ कोरिया के लोग केवल नमक ही नहीं बल्कि मछली भी बड़ी मात्रा में खरीद रहे हैं। इन दिनों दक्षिण कोरिया में नमक खरीदने वालों का जनरल स्टोर्स में तांता लगा हुआ है। अगर किसी की 5 किलो नमक खरीदने की क्षमता है तो वह लोग 5 से 10 गुना अधिक नमक अपने पास स्टॉक कर लेना चाहता है। यहां पर लोग केवल नमक ही नहीं नहीं बल्कि मछली भी बड़ी मात्रा में खरीद रहे हैं। जिसकी वजह जापान है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसे हो सकता है? तो आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।

दरअसल, अपने फुकुशिमा परमाणु फेसिलिटी से लाखों टन ट्रीटेड रेडियोएक्टिव पानी को जापान ने समुद्र में डालने का फैसला किया है। रिपोर्टस के अनुसार, साल 2011 में इस पानी का प्रयोग भूकंप तता सुनामी के बाद क्षतिग्रस्त हुए परमाणु रिएक्टरों को ठंडा करने के लिए हुआ था।

क्षमता से कई गुना ज्यादा स्टोर कर रहे नमक

पड़ोसी देश जापान के इस फैसले पर उसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं। खासतौर पर चीन ने जापान के इस फैसले को पूरी दुनिया के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तथा समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है। इसी वजह से दक्षिण कोरिया में मछली और नमक खरीदने वालों की तादाद अचानक से बढ़ गई है। बता दें कि लोग अपनी क्षमता से कई-कई गुना ज्यादा नमक खरीदकर स्टोर कर लेना चाहते हैं। इसी वजह से पिछले दो महीन में नमक के दामों और मांग में 27 से 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।

जापानी सरकार ने बताया ट्रीटेड है ये पानी

वहीं जापानी सरकार ने इसे लेकर आश्वस्त किया है कि पानी ट्रीटेड है। मगर लोगों को इस बात की चिंता है कि यह पानी हाइड्रोजन आइसोटोप से प्रदूषित हो सकता है। जो कि बाद में शंख और समुद्री नमक जैसी चीजों तक पहुंच सकता है।