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India News (इंडिया न्यूज), Canada Support Khalistani: भारत और कनाडा के बीच तनातनी अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार लगातार खालिस्तानियों का समर्थन कर रही है। लेकिन आज हम आपको इससे हटके एक पुरानी जानकारी से रूबरू कराएंगे। ये जस्टिन ट्रूडो के पिता से जुड़ी हुई सच्ची घटना है। हम आपको बताते चलें कि, कनाडा 39 सालों में भी कनिष्क विमान बम धमाके की जांच को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाया है। कनाडा का ये भारत विरोधी रवैया काफी पुराना है। इससे पहले जस्टिन ट्रूडो के पिता और कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो ने भी ऐसा ही कारनामा किया था।
हम आपको बताते चले कि, जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो ने भी खालिस्तानी आतंकियों का समर्थन किया था। जिसकी वजह से कनाडा को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। जस्टिन के पिता पियरे वर्ष 1968 से लेकर 1979 और 1980 से 1984 के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री रहे थे। इस दौरान भारत में खालिस्तानियों का आतंक चरम पर था। खालिस्तानी आतंकी भारत से भागकर कनाडा में शरण ले लेते थे। उस समय भारत ने बढ़ते हुए आतंकवाद को रोकने के लिए कनाडा से इन तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। इस दौरान पियरे ट्रूडो की सरकार ने भारत का सहयोग करने से साफ इनकार कर दिया था। इस दौरान पियरे ट्रूडो की सरकार ने कनाडा में संचालित भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने की कोशिश भी नहीं की और उन आतंकियों को भारत वापस नहीं भेजा जो लगातार कनाडा में बैठकर भारत को तोड़ने की साजिश कर रहे थे।
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हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, तलविंदर ने 1985 में एयर इंडिया के एक बोईंग 747 विमान जिसका नाम ‘कनिष्क’ था, उसे बम से उड़ा दिया था। यह विमान कनाडा के शहर मॉन्ट्रियल से लंदन के रास्ते भारत आ रहा था। तलविंदर ने इन्दरजीत सिंह रैयत और अन्य कुछ आरोपितों के साथ मिलकर इस विमान में बम रखा था। जिसकी वजह से यह विमान उड़ान के बीच में ही प्रशांत महासागर में फट गया था और इस हादसे में 329 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में मरने वाले 268 लोग कनाडा के नागरिक थे। कनाडाई नागरिक ही थे।
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