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India News (इंडिया न्यूज), Submarines Deployed At Sea: दुनियाभर के कई देशों ने अपने परमाणु हथियारों को समुद्र में खासकर अपनी पनडुब्बियों में तैनात कर रखा है, ताकि वो दुश्मन से बच सकें और हमला करने की क्षमता बरकरार रख सकें। इस तैनाती को “स्ट्रैटेजिक डिटरेंस” का हिस्सा माना जाता है, जिसका मकसद दुश्मन को परमाणु हमले से रोकना है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, दुनिया के इन 6 देशों ने भी समुद्र में परमाणु तैनाती कर रखी है।
संयुक्त राज्य अमेरिका समुद्र में परमाणु हथियार तैनाती करने वाले अग्रणी देशों में से एक है। अमेरिकी नौसेना अपनी न्यू किलोन पनडुब्बियों (SSBN) के जरिए परमाणु हथियार तैनात करती है। ओहियो क्लास और वर्जीनिया क्लास जैसी अमेरिकी पनडुब्बियां परमाणु मिसाइलें तैनात करती हैं। बताया जा रहा है कि, इन पनडुब्बियों का मुख्य उद्देश्य दुश्मन के खिलाफ लगातार और विश्वसनीय परमाणु जवाब तैयार रखना है। इसके साथ ही ये पनडुब्बियां लंबे समय तक समुद्र में रह सकती हैं, जिससे परमाणु हमले का खतरा कम हो जाता रूस की रणनीति अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने और समुद्र में अपने परमाणु हथियारों को तैनात करके दूसरे देशों को अपनी ताकत का एहसास कराने की है।
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रूस ने अपनी पनडुब्बियों के जरिए एक मजबूत समुद्र-आधारित परमाणु हमला बल विकसित किया है, जो किसी भी परमाणु संकट के समय प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकता है। चीन ने भी समुद्र में परमाणु हथियारों की तैनाती की दिशा में काफी प्रगति की है। चीनी समुद्री परमाणु बल (चीन की सामरिक मिसाइल सेना) में परमाणु पनडुब्बियां और परमाणु मिसाइलें तैनात हैं। चीन ने अपनी जिन-क्लास और जिन-VI क्लास (जिन-क्लास II) पनडुब्बियां बनाई हैं, जो अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस हैं।
चीन की समुद्र-आधारित परमाणु रणनीति का उद्देश्य अपने क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाना और परमाणु हमले के खिलाफ एक मजबूत रक्षा तंत्र बनाना है। ब्रिटेन ने भी अपनी वैनगार्ड क्लास पनडुब्बियों के जरिए समुद्र में परमाणु हथियार तैनात किए हैं।
भारत समुद्र आधारित परमाणु हथियार रखने वाले देशों में से एक है। INS अरिहंत (भारत की पहली स्वदेशी परमाणु सक्षम पनडुब्बी) और INS अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियाँ भारतीय समुद्री परमाणु रणनीति का हिस्सा हैं।भारत की समुद्र आधारित परमाणु शक्तियां (SSBN) इसे एक निर्णायक वैश्विक शक्ति बनाती हैं और इस रणनीति का उद्देश्य क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा में भारत की रणनीतिक भूमिका को मजबूत करना है।
फ्रांस समुद्र में परमाणु हथियार भी तैनात करता है। ले ट्रायम्फेंट और ले ट्रायम्फेंट II जैसी फ्रांसीसी परमाणु पनडुब्बियां फ्रांस की समुद्री रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। फ्रांस की परमाणु नीति का उद्देश्य परमाणु संकट की स्थिति में एक मजबूत प्रतिक्रिया क्षमता बनाए रखना है। फ्रांस अपनी पनडुब्बियों को लगातार समुद्र में तैनात रखता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसकी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता हर समय बनी रहे।
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