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India News (इंडिया न्यूज), PM Prachanda: नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ 20 मई को संसद में विश्वास मत हासिल करेंगे। पदभार ग्रहण करने के 18 महीनों के भीतर यह उनका चौथा विश्वास मत होगा। गठबंधन सहयोगी द्वारा उनकी सरकार से समर्थन वापस लेने के कुछ दिनों बाद ही उन्हें विश्वास मत हासिल करना पड़ रहा है। प्रचंड नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) से संबंधित एक पूर्व गुरिल्ला नेता हैं और उनकी पार्टी प्रतिनिधि सभा (HoR) में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। विश्वास मत हासिल करने का फैसला उपेंद्र यादव के नेतृत्व वाली जनता समाजवादी पार्टी नेपाल (JSP) द्वारा पार्टी में विभाजन के बाद 13 मई को सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद लिया गया है। यादव ने उप प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी पार्टी सरकार से बाहर चली गई थी।
प्रतिनिधि सभा के सहायक प्रवक्ता दशरथ धमाला के अनुसार, “प्रधानमंत्री नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 100 खंड 2 के अनुसार विश्वास मत हासिल करना चाह रहे हैं।” धमाला ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय और मंत्रिपरिषद ने पहले ही संसद सचिवालय को इस मामले के बारे में सूचित करते हुए एक पत्र भेज दिया है। अगर प्रधानमंत्री जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसमें विभाजन हो जाता है या गठबंधन सरकार का कोई सदस्य समर्थन वापस ले लेता है, तो प्रधानमंत्री को 30 दिनों के भीतर विश्वास मत हासिल करना होता है।
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बता दें कि, प्रचंड ने 25 दिसंबर 2022 को पदभार संभाला था, जिसके बाद डेढ़ साल के भीतर यह उनका चौथा विश्वास मत होगा। नई सरकार को विश्वास मत जीतने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 वोटों की आवश्यकता है। इससे पहले 13 मार्च को प्रधानमंत्री दहल ने लगातार तीसरी बार विश्वास मत हासिल किया था। पिछले साल प्रचंड को उस समय शक्ति परीक्षण का सामना करना पड़ा था, जब पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था।
सत्तारूढ़ गठबंधन के पास वर्तमान में बहुमत है और यह सीपीएन-यूएमएल की 77 सीटों, माओवादी केंद्र की 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी की 21, नवगठित जनता समाजवादी पार्टी की सात और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट (सीपीएन-यूएस) की 10 सीटों के साथ सबसे बड़ा गठबंधन है।
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