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अरबपति ने जुनून की बदौलत रचा इत‍िहास, दोस्तों के साथ ऐसी जगह गए जहां 50 सालों से कोई नहीं गया

BY: Himanshu Pandey • LAST UPDATED : September 10, 2024, 11:44 pm IST
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अरबपति ने जुनून की बदौलत रचा इत‍िहास, दोस्तों के साथ ऐसी जगह गए जहां 50 सालों से कोई नहीं गया

Polaris Dawn Mission

India News (इंडिया न्यूज़),Polaris Dawn Mission: जुनून कई बार आपसे ऐसे काम करवा देता है, जो कल्पना से परे होते हैं, लेकिन अरबपति जेरेड इसाकमैन ने अपने जुनून के चलते इतिहास रच दिया। अपने पैसों से वो अपने तीन दोस्तों को अंतरिक्ष की उस दुनिया में ले गए, जहां 50 साल से कोई नहीं गया। तीन दिन तक वो अपने दोस्तों के साथ धरती से 1400 किलोमीटर ऊपर मौज-मस्ती करेंगे। चांद-तारों की दुनिया के बीच वो स्पेसवॉक करेंगे। उनके इस सपने को पूरा करने में अरबपति एलन मस्क ने मदद की है,तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

पोलारिस डॉन मिशन किया गया लॉन्च 

अरबपति कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने मंगलवार को पोलारिस डॉन मिशन लॉन्च किया। अरबपति जेरेड इसाकमैन अपने बेहद करीबी दोस्त स्कॉट ‘किड’ पोटेट, स्पेसएक्स इंजीनियर एना मेनन और सारा गिलिस के साथ स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से अंतरिक्ष की यात्रा पर गए। इस रॉकेट ने चारों लोगों को धरती से 1,400 किलोमीटर ऊपर पहुंचाया। नासा के अपोलो मिशन के बाद अब तक धरती से इतनी ऊंचाई पर कोई इंसान नहीं गया है। अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाते हैं, जो धरती से सिर्फ 400 किलोमीटर दूर है। यानी मस्क का रॉकेट इससे तीन गुना ज़्यादा दूर तक गया है।

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क्यों है ये ऐतिहासिक मिशन?

  • अपोलो मिशन के बाद पहली बार कोई इंसान धरती की सबसे ऊंची कक्षा यानी करीब 1400 किलोमीटर तक पहुंचने की कोशिश करेगा।
  • अरबपति जेरेड इसाकमैन ने इस पूरे मिशन का खर्च खुद उठाया है, जो अरबों डॉलर है। यानी यह मिशन पूरी तरह से निजी है।
  • अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष के उस क्षेत्र से गुज़रेंगे जिसे वैन एलन बेल्ट के नाम से जाना जाता है, जहाँ रेडिएशन ख़तरनाक स्तर पर है।
  • अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसाकमैन और सारा गिलिस धरती से 700 किलोमीटर ऊपर स्पेसवॉक भी करेंगे।
  • चारों लोगों के लिए नए एक्स्ट्रावेहिकुलर एक्टिविटी (ईवीए) स्पेससूट बनाए गए हैं, जिनका परीक्षण भी किया जाएगा।
  • मिशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से डॉक नहीं करेगा, बल्कि सभी अंतरिक्ष यात्री धरती की परिक्रमा करेंगे।
  • यह पहली बार होगा जब 4 लोग अंतरिक्ष के निर्वात में एक साथ रहेंगे। मानव स्वास्थ्य से जुड़े 36 अध्ययन और प्रयोग किए जाएंगे।

मिशन का क्या है उद्देश्य?

पूरे मिशन का खर्च अरबपति जेरेड इसाकमैन ने उठाया है। उन्होंने यह नहीं बताया कि इसकी लागत कितनी है, लेकिन माना जा रहा है कि यह करोड़ों डॉलर होगी। क्योंकि इससे पहले ड्रैगन कैप्सूल की सीटें करीब 55 मिलियन डॉलर में बिकी थीं। इसाकमैन ने इसके बाद दो बार और अंतरिक्ष में जाने की योजना बनाई है। इसके पीछे कई उद्देश्य हैं। पहला उद्देश्य यह देखना है कि धरती से इतनी ऊंचाई पर गुरुत्वाकर्षण मानव शरीर को कैसे प्रभावित करता है। दूसरा, यह जांचना कि क्या कोई इंसान वहां जीवित रह पाएगा या नहीं। इससे भविष्य के चंद्र और मंगल मिशनों के लिए रास्ता खुलेगा। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगर निजी कंपनियां अंतरिक्ष में उतरती हैं, तो पर्यटन के लिए इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने का खर्च कम हो जाएगा।

6 दिनों तक चलेगा मिशन 

यह मिशन 6 दिनों तक चलेगा। क्रू मेंबर धरती की सबसे ऊंची कक्षा में पहुंचने के बाद 40 तरह के एक्सपेरिमेंट करेंगे। दो अंतरिक्ष यात्री स्पेसवॉक करेंगे। वे ड्रैगन कैप्सूल के बाहर करीब 15 से 20 मिनट बिताएंगे। यह काफी जोखिम भरा है। बिजनेसमैन जेरेड इसाकमैन और गिलिस अलग-अलग स्पेसवॉक करेंगे। इससे पहले 1965 में एड व्हाइट ने भी ऐसा ही स्पेसवॉक किया था। यह काफी मुश्किल है, क्योंकि वहां वैक्यूम की स्थिति होगी। अजीब तापमान होगा और रेडिएशन उच्च स्तर पर होगा। मिशन के तीसरे दिन यानी 12 सितंबर को स्पेसवॉक होगी। मिशन के दौरान चारों पृथ्वी की सबसे ऊंची कक्षा में कुल 5 दिन बिताएंगे।

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