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India News (इंडिया न्यूज), KP Sharma Oli: नेपाल में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक हलचल तेज है। नेपाल के कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली को रविवार को चौथी बार प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। इससे पहले शुक्रवार (12 जुलाई) को प्रतिनिधि सभा में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ अविश्वास प्रस्ताव हार गए थे। दहल मार्च 2024 में प्रधानमंत्री बने थे, जब उन्होंने नेपाली कांग्रेस पार्टी से गठबंधन तोड़ दिया था और विश्वास मत के बाद सीपीआई-यूएमएल के केपी शर्मा ओली से हाथ मिला लिया था। वहीं साल 2008 में राजशाही समाप्त होने के बाद से देश में 13 सरकारें बनी हैं। केपी शर्मा ओली का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार (15 जुलाई) को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन शीतल निवास में होगा।
बता दें कि, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीआई-यूएमएल) के अध्यक्ष ओली को हिमालयी राष्ट्र को राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के कार्यालय द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, 72 वर्षीय नेता को नेपाली संविधान के अनुच्छेद 76(2) के तहत प्रक्रिया के अनुसार नई सरकार बनाएंगे। ओली नेपाली कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थित नए गठबंधन के प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिसके अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा हैं। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान, ओली ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में सरकार बनाने के लिए 165 सदस्यों के हस्ताक्षरों के साथ समर्थन पत्र प्रस्तुत किया।
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बता दें कि भारत द्वारा चीन समर्थक माने जाने वाले केपी शर्मा ओली ने अक्टूबर 2015 से अगस्त 2016 तक और फिर फरवरी 2018 से जुलाई 2021 तक दो बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। मई से जुलाई 2021 तक उनका छोटा कार्यकाल विवादास्पद हो गया था, क्योंकि तत्कालीन राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति को नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल के नए संविधान को लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव के कारण 2015 में सीमा नाकाबंदी के दौरान ओली ने भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था।
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