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यूक्रेन जंग के बीच रूस और अमेरिका में प्रिजनर स्वैप डील, क्या है इसके मायने

BY: Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : August 6, 2022, 2:30 pm IST
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यूक्रेन जंग के बीच रूस और अमेरिका में प्रिजनर स्वैप डील, क्या है इसके मायने

Prisoner Swap Deal

इंडिया न्यूज, मॉस्को (Prisoner Swap Deal): रूस और यूक्रेन के बीच जंग को 6 महीने होने वाले हैं। इस जंग में यूक्रेन को जमीन स्तर पर बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। वहीं अमेरिका और कई अन्य देशों ने यूक्रेन को हथियार भेजकर मदद तो की है लेकिन कोई भी देश इस जंग में सीधे रूस से सामना करने नहीं आया है।

रूस और यूक्रेन में जंग अभी भी जारी है। इसी बीच अब अमेरिका और रूस में प्रिजनर स्वैप डील हो रही है। व्हाइट हाउस के नेशनल सिक्योरिटी स्पोक्सपर्सन जॉन किर्बी ने कहा- हमने रूस के सामने एक समझौता रखा है। रूस को इसे मानना चाहिए। रूस इस प्रिजनर डील में वादिम कसीसिकोव की रिहाई की भी मांग कर रहा है। वादिम, हत्या के आरोप में जर्मनी की जेल में कैद है। हालांकि, किर्बी ने कहा कि वर ने इस बारे में सोचा नहीं है। अमेरिका को नहीं लगता कि वादिम की रिहाई चर्चा का विषय होना चाहिए।

जानते हैं क्या है प्रिजनर स्वैप डील और इसके मायने-

प्रिजनर स्वैप डील क्या है

प्रिजनर स्वैपिंग यानी एक कैदी के बदले दूसरे कैदी को छोड़ने की डील। इसमें एक देश अपने किसी खास नागरिक को दूसरे देश की जेल से छोड़ने के बदले में उस देश के या फिर उस देश के द्वारा रखी गई मांग के अनुसार अपने देश से एक कैदी को छोड़ते हैं। अमेरिका ने रूस को ब्रिटनी की रिहाई के बदले खतरनाक रूसी आर्म्स डीलर विक्टर बाउट को छोड़ने का आफर दिया है।

रशियन प्रीमियर लीग में भाग लेने रूस आई थीं ब्रिटनी

ब्रिटनी ग्रिनर का जन्म 18 अक्टूबर 1990 को ह्यूस्टन टेक्सस में हुआ। वो दो बार की ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकीं हैं। जानकारी के मुताबिक 31 साल की अमेरिकी गोल्ड मेडलिस्ट ब्रिटनी को 17 फरवरी 2022 में मास्को एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया था। वो WNBA के आफ सीजन में रशियन प्रीमियर लीग में भाग लेने पहुंची थीं। एयरपोर्ट पर चैकिंग के दौरान उनके सामान से ड्रग्स से निकाले गए तेल की कार्ट्रिज मिली थी। ये गिरफ्तारी यूक्रेन जंग शुरू होने से कुछ दिन पहले हुई थी।

अमेरिका विक्टर की रिहाई पर राजी

Victor

वहीं रूसी नागरिक विक्टर बाउट अमेरिका की स्पेशल जेल में बंद है। उसे मर्चेंट आफ डेथ के नाम से भी जाना जाता है। विक्टर को अमेरिका में 25 साल की सजा सुनाई गई है।

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