India News (इंडिया न्यूज), Russia Ukraine War:यूक्रेन जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। यूक्रेन-रुस जंग में पलड़ा रुस की तरफ झूका हुआ है। इस युद्ध में अमेरिका समेत NATO देश रूस को तोड़ने की कोशिश में लगे हैं। वो रुस को लगातार दुनिया से अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तो जैसे हार मानना सिखा ही नहीं है। उन्हें यह बहोत अच्छे से पता है कि इस तरह के जंग में ईंधन-पानी का कहां से और कैसे जुगाड़ होगा। यही वजह है कि अमेरिका के दुश्मनों को पुतिन गले लगा रहे हैं। US का बड़ा दुश्मन अब रूस के संकट से निकालने के लिए तैयार है।
यह देश कोई और नहीं बल्कि चीन के नॉर्थ कोरिया है। उत्तर कोरिया लगातार हथियार-मिसाइलें देकर रूस को जंग में मदद कर रहा है। अब किम जोंग उन की नॉर्थ कोरिया ने ऐसा काम किया है जिसकी वजह से अमेरिका टेंशन में आ जाएगा।
दरअसल, उत्तर कोरिया ने नई तकनीक से लैस मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर का परीक्षण किया है। नई तकनीक से लैस 240 एमएम मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर के परीक्षण में तानाशाह किम जोंग उन ने खुद हिस्सा लिया था। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि इस नए आर्टिलरी सिस्टम को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल के लिए रूस को दिया जा सकता है। उत्तर कोरिया का यह नया हथियार बेहद घातक है। उत्तर कोरिया के इस कदम से दक्षिण कोरिया भी सकते में है। इसकी वजह यह है कि यह हथियार सियोल और उसके आसपास के इलाकों को टारगेट रेंज में रख सकता है।
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इस साल फरवरी में किम जोंग उन ने कहा था कि उत्तर कोरिया ने नया रॉकेट लॉन्चर विकसित किया है, जो सटीकता और रेंज के मामले में उसकी हथियार क्षमताओं को बढ़ा सकता है। वहीं, मई में उत्तर कोरिया ने कहा था कि वह 2024 से 2026 के बीच कोरियाई पीपुल्स आर्मी यूनिट में हथियार सिस्टम को तैनात करेगा। उत्तर कोरिया पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा लगता है कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल के लिए रूस को रॉकेट लॉन्चर की आपूर्ति करने के प्रयास में रॉकेट लॉन्चर का परीक्षण किया है।
कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के वरिष्ठ शोधकर्ता हांग मिन के अनुसार, उत्तर कोरिया द्वारा किए गए इस परीक्षण का उद्देश्य 1980 के दशक में निर्मित उत्तर कोरिया के पुराने 240 मिमी एमआरएलएस को बेहतर बनाना है। उन्होंने यह भी संभावना जताई कि यह परीक्षण दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास का भी जवाब है। उत्तर कोरिया द्वारा यह रॉकेट परीक्षण ऐसे समय किया गया है, जब दक्षिण कोरिया और अमेरिका अपना वार्षिक ग्रीष्मकालीन उल्ची फ्रीडम शील्ड अभ्यास कर रहे हैं। यह युद्ध अभ्यास गुरुवार को समाप्त होगा। उत्तर कोरिया लंबे समय से सहयोगी देशों के संयुक्त अभ्यास की निंदा करता रहा है, क्योंकि यह उसके खिलाफ आक्रमण की तैयारी है। तानाशाह के इस कदम से अमेरिका और जेलेंस्की के बीच तनाव बढ़ेगा।
अब सवाल यह है कि क्या उत्तर कोरिया वाकई रूस को यह नया रॉकेट लॉन्चर देगा? तो इसका जवाब हां लगता है। उत्तर कोरिया पिछले कुछ समय से लगातार रूस को नए हथियार और मिसाइलें सप्लाई कर रहा है। रूस को उत्तर कोरिया से यह नया रॉकेट लॉन्चर मिलने से उसकी ताकत और बढ़ेगी और यूक्रेन पर कहर बरपाएगा। किम जोंग उन ने पुतिन को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। ये दोनों ही देश अमेरिका के कट्टर दुश्मन हैं। क्योंकि यूक्रेन युद्ध में अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देश कीव की हर तरह से मदद कर रहे हैं। यही वजह है कि उत्तर कोरिया भी रूस की हर तरह से मदद कर रहा है। उत्तर कोरिया ही नहीं, चीन भी रूस की खूब मदद कर रहा है।
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