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India News (इंडिया न्यूज़), Rohingya Refugees: 200 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी बुधवार को एक सुदूर इंडोनेशियाई द्वीप के समुद्र तटों पर पहुचें। ये रोहिंग्या शरणार्थी हफ्तों से लड़की की नाव में सवार समुद्र में भटक रहे थे। जिसके बाद ये इंडोनेशिया पहुंचे है। आपको बता दें कि रोहिंग्या शरणार्थी का ये नया समुह उन 1,000 से अधिक हताश और थके हुए सदस्यों का हिस्सा थे, जो पिछले सप्ताह पश्चिमी इंडोनेशिया में आचे प्रांत के तट पर उतरे थे। मालूम हो कि रोहिंग्या मुस्लिम एक हफ्ते पहले इंडोनेशिया पहुंचे थे। जिन्हें पश्चिमी इंडोनेशिया से समु्द्र की तरफ वापिस धकेला गया था।
बता दें कि हर साल हजारों मुस्लिम रोहिंग्या अपनी जान जोखिम में डालकर कमजोर नावों में समुद्री यात्रा करते हैं। ये बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों से मलेशिया या इंडोनेशिया पहुंचने की कोशिश में लगे रहते हैं। वहीं, 219 शरणार्थियों का नए समूह, जिसमें 72 पुरुष, 91 महिलाएं और 56 बच्चे शामिल थे, मंगलवार को स्थानीय समयानुसार लगभग 11:00 बजे उत्तरी सुमात्रा के सिरे पर एक द्वीप पर स्थित आचे प्रांत के सबांग शहर पहुंचे।
वहीं मीडिया से पुछने के बाद उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्वीकार कर दिया और उन्हें वापस समुद्र में डाल देने की धमकी दी। 15 वर्षीय रोहिंग्या शरणार्थी अब्दुल रहमान ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम वापस नहीं जाना चाहते।
इस मामले में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि स्थानीय अधिकारी बुधवार को आचे के सबसे बड़े शहरों में से एक में अस्थायी आश्रय के लिए नौका द्वारा उनके स्थानांतरण पर सहमत हुए। वहीं, सबांग सामाजिक एजेंसी के प्रमुख नौफाल ने बताया कि शरणार्थियों को ल्होकसेउमावे में एक आश्रय स्थल में पहुंचाने करने की योजना है। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर करने के लिए यूएनएचसीआर के साथ समन्वित किया गया था और शरणार्थियों को उनके आगमन के बाद खाने और पीने का प्रवंध करेंगे।
बता दें कि रोहिंग्या मुस्लिमों की लंबी यात्रा ज्यादातर मुस्लिम रोहिंग्या अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों लोग मलेशिया या इंडोनेशिया पहुंचने की कोशिश के लिए हर साल लंबी यात्रा करते हैं। ये समुद्री यात्रा करते हैं और अक्सर कमज़ोर नावों में, अपनी जान जोखिम में डालकर निकलते हैं।
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