इंडिया न्यूज, मास्को:
रूस ने अंतरिक्ष में मिसाइल से अपना ही उपग्रह उड़ा दिया, जिसके बाद से अमेरिका रूस में नाराजगी बनी हुई है। अमेरिका ने आरोप लगाया कि रूस ने मिसाइल से अपने ही एक सैटेलाइट को तबाह कर दिया। इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के क्रू मेंबर्स को खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका ने कहा है कि सैटेलाइट नष्ट होने के बाद उसका मलबा अंतरिक्ष एरिया में फैल गया। इससे बचने के लिए करर में मौजूद सात क्रू मेंबर्स को कैप्सूल में जाना पड़ा। इसकी वजह से उनके काम को नुकसान हुआ। अंतरिक्ष स्टेशन पर इस समय 7 अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं। इनमें 4 अमेरिकी, एक जर्मन और 2 रूस के यात्री हैं।

अमेरिका ने कहा है कि रूस की यह हरकत गैर जिम्मेदाराना है। इससे नासा में भी रोष है। नासा के मुताबिक वो काफी समय से रूस की स्पेस एक्टिविटीज पर नजर रख रही है। उसे रूस के इस गैर जिम्मेदाराना कदम की पहले से जानकारी थी। लेकिन रूस को ऐसा करने से पहले बताना चाहिए था। अभी तक 4 बार ऐसा हुआ है जब धरती से दागे किसी मिसाइल ने स्पेस में अपने टारगेट को हिट किया हो। नासा का कहना है कि रूस के इस कदम से अंतरिक्ष में हथियारों की नई रेस शुरू होने का खतरा पैदा हो गया है।

ISS हर 90 मिनट में रूसी सैटेलाइट के मलबे के पास से गुजरा

नासा ने कहा कि घटना के वक्त ये स्टेशन के बाहर थे। ब्लास्ट के बाद सभी सदस्य अपने कैप्सूल केबिन में लौट आए। ये दो घंटे तक यहीं रहे। रूसी सैटेलाइट के मलबे के पास से करर हर 90 मिनट में गुजरा। यह धरती से 250 मील ऊपर है। रूस की यह हरकत हम सबको खतरे में डाल सकती है। मलबा रूस के कॉसमॉस सैटेलाइट का था। इसे 1982 में लॉन्च किया गया था। कई साल से यह एक्टिव नहीं था।

भारत समेत विश्व के 4 देश कर चुके हैं ऐसा परीक्षण

अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण करने का रूस पहला देश नहीं है। भारत समेत विश्व के 4 देश ऐसा कर चुके हैं। सबसे पहले करीब 5 दशक पहले अमेरिका ने ऐसा किया था। उस वक्त सैटेलाइट्स की संख्या बहुत कम हुआ करती थी। इसी साल अप्रैल माह में रूस ने एक और एंटी सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण किया था। वहीं भारत ने भी वर्ष 2019 में धरती की निचली कक्षा में घूम रहे अपने ही एक सैटेलाइट को मार गिराया था। था।

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