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India News (इंडिया न्यूज), Russia Nuclear Doctrine Change : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध कभी भी परमाणु युद्ध में बदल सकता है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि कुछ दिन पहले ही मास्को ने यूक्रेन पर मध्यम दूरी की नई बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया था। जानकारी के मुताबिक यह एक हाइपरसोनिक मिसाइल थी, जिसे पुतिन ने रूस के अंदर हमला करने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन की मिसाइलों के इस्तेमाल का जवाब बताया था। पुतिन की तरफ से यह बयान भी आया है कि मास्को अपनी नई मिसाइलों का इस्तेमाल किसी भी ऐसे देश के खिलाफ कर सकता है जिसने यूक्रेन को रूस के खिलाफ अपनी मिसाइलें दागने की इजाजत दी हो।
दिन-ब-दिन रूस-यूक्रेन युद्ध परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहा है। इसी कड़ी में पुतिन ने मंगलवार को नई परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें घोषणा की गई है कि अगर किसी भी परमाणु शक्ति से समर्थित देश ने रूस पर हमला किया तो इसे उनके देश पर संयुक्त हमला माना जाएगा। रूसी राष्ट्रपति पहले भी परमाणु युद्ध की धमकी दे चुके हैं। आपको बता दें कि रूस के परमाणु शस्त्रागार में इतने हथियार हैं जो धरती को कई बार नष्ट कर सकते हैं।
इस समय रूस के पास दुनिया में सबसे बड़ा परमाणु बमों का भंडार है। इनमें से ज्यादातर सोवियत संघ के जमाने के हैं। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन को भी हजारों परमाणु हथियार मिले थे, लेकिन बाद में वे सभी रूस के पास आ गए। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) के मुताबिक, पुतिन के पास इस समय 5580 परमाणु हथियार हैं। आपको बता दें कि इतने बमों से रूस दुनिया को कई बार तबाह कर सकता है। वहीं, अगर सोवियत काल की बात करें तो उस समय सोवियत संघ के पास अधिकतम 40000 परमाणु हथियार थे। वहीं, अमेरिका के पास अधिकतम 30000 परमाणु हथियार थे।
रूस में राष्ट्रपति पुतिन के पास रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति के पास हमेशा एक न्यूक्लियर ब्रीफकेस होता है। इसे चेगेट कहते हैं। इस ब्रीफकेस की मदद से राष्ट्रपति शीर्ष सैन्य अधिकारियों और फिर रॉकेट फोर्स से जुड़ सकते हैं। यह ब्रीफकेस एक इलेक्ट्रॉनिक कनेक्टिंग डिवाइस है। इसमें सफेद रंग का ‘लॉन्च’ बटन और लाल रंग का ‘कैंसल’ बटन होता है।
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